इंदौर (मध्यप्रदेश), 20 नवंबर (भाषा) इंदौर पुलिस ने ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ के नाम पर लोगों को ठगने वाले गिरोह के दो सदस्यों को बुधवार को गुजरात से गिरफ्तार किया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया तरीका है, जबकि ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी किसी कानूनी प्रक्रिया का हकीकत में कोई वजूद नहीं होता। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सूरत निवासी हिम्मत देवानी (58) और कच्छ के रहने वाले अतुल गिरि गोस्वामी (46) के रूप में हुई है।
दंडोतिया ने बताया कि दोनों आरोपी एक गिरोह को साइबर ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस गिरोह की ठगी से जुड़े 23 बैंक खातों के जरिये लेन-देन पर रोक लगवा दी है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ने बताया कि गिरोह ने अलग-अलग राज्यों के जिन लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर साइबर ठगी का शिकार बनाया, उनमें इंदौर का 70 वर्षीय व्यक्ति शामिल है। उन्होंने बताया कि इस व्यक्ति से 40.70 लाख रुपये ठगे गए थे।
दंडोतिया ने बताया कि दोनों आरोपियों से विस्तृत पूछताछ के जरिये गिरोह के सरगना और अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।
भाषा हर्ष नोमान
नोमान