Baldevgarh’s cannons will be shifted to other districts : टीकमगढ़। मध्यप्रदेश के जिला टीकमगढ़ में जब भी कोई दादागिरी करता है तो लोग कहते हैं कि तुम क्या बल्देवगढ़ की तोप हो। यह कहावत जिले की पहचान है, लेकिन अब पुरातत्व विभाग के एक निर्देश से इस पहचान पर संकट मंडराने लगा है। दरअसल, जिले के नगर परिषद बल्देवगढ़ के ऐतिहासिक किले में राजशाही दौर की कई प्राचीन तोपें रखी है। लंबे समय से तोपों के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया।
Baldevgarh’s cannons will be shifted to other districts : अब मप्र पुरातत्व अभिलेखागार संग्रहालय के आयुक्त ने बल्देवगढ़ की तोपों को जबलपुर, भोपाल और ओरछा शिफ्ट करने का आदेश जारी किया है। शनिवार को इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर तोपों के शिफ्टिंग की कार्रवाई को निरस्त करने की मांग की।
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स्थानीय लोगों ने ज्ञापन में कहा है कि आयुक्त पुरातत्व अभिलेखागार और संग्रहालय भोपाल ने 1 सितंबर 2023 को बल्देवगढ़ की ऐतिहासिक तोपों को शिफ्ट करने के संबंध में आदेश जारी किया है। बल्देवगढ दुर्ग पर्यटन विभाग के अधीन है। इस किले में रखी तोपें जबलपुर, भोपाल और ओरछा भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष रामगोपाल चौरसिया ने कहा कि किले में रखी ऐतिहासिक तोपें बल्देवगढ़ की शान है। आयुक्त के पत्र से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। पूर्व में भी थाने के मुख्य द्वार पर रखी दो छोटी तोपें गायब हो गईं थी। उस समय भी स्थानीय लोगों ने ज्ञापन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आज तक लापता तोपों का पता नहीं चल सका।
स्थानीय लोगों ने दी आंदोलन की चेतावनी बल्देवगढ़ निवासी पुष्पेंद्र सिंह, दयालु कुशवाहा, अंकित कश्यप, हरेंद्र सिंह रामेश्वर सेन ने ज्ञापन के दौरान कहा कि बल्देवगढ़ किले की तोपे यदि स्थानांतरित की गई तो हम सभी लोग उग्र आन्दोलन करेंगे। ऐतिहासिक तोपों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट करने की बजाय के लाभ परिसर में ही सुरक्षित तरीके से संरक्षित किया जाए। इससे बल्देवगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही हमारी पहचान को भी बचाया जा सकेगा।
(टीकमगढ़ से IBC24 शैलेंद्र द्विवेदी की रिपोर्ट)