ग्वालियरः मध्य प्रदेश के ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आगजनी मामले में तीन मरीजों की मौत हो गई। इन तीनों मरीजों को आगजनी के बाद इलाज के लिए दूसरे जगह पर शिफ्ट किया गया था। ये तीनों अति गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर भर्ती थे। परिजनों का कहना है कि उनके मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। इस वजह से उनकी मौत हो गई।
दरअसल, 3 सितंबर को जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर सुबह 6:40 बजे एसी में शॉर्ट सर्किट हो गया। इससे आग लग गई। आग लगते ही यहां हाहाकार मच गया। उस वक्त आईसीयू में करीब दस मरीज भर्ती थे। अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में मरीजों को शिफ्ट करना शुरू किया। इस वजह से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस बीच शिफ्टिंग के बाद सबसे पहले सुबह 11 बजे शिवपुरी के मरीज आजाद खान की मौत हुई। उसके बाद दोपहर 1 बजे मुरैना की मरीज रजनी राठौर की ने दम तोड़ दिया। रात 8 बजे छतरपुर के मरीज बाबू पाल भी जिंदगी की जंग हार गए।
ट्रॉमा सेंटर के ICU में आग लगते ही मेडिकल स्टाफ हरकत में आया। फायर एस्टिंग्विशर (अग्निशमन यंत्र) से आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक फॉल्स सीलिंग और एक बेड आग पकड़ चुका था। पूरे ICU में धुआं भर गया। वहां भर्ती सभी 10 मरीज वेंटिलेटर पर थे। ऐसे में उनको शिफ्ट करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।