रायसेन: Everything in Glass Bottle बात बहुत पुरानी है। एक बार अकबर ने बीरबल से दरबार में देर से आने की वजह पूछी, तो उसने कहा कि अपनी रोती हुई बच्ची को बहलाने में देर हो गई। बादशाह ने कहा कि ये कौन सा बड़ा काम है? इसी बात पर शर्त लग गई और बीरबल दूसरे दिन अपनी बेटी को लेकर दरबार में पहुंच गया। रोती हुई बेटी ने दरबार में हाथी और कांच की एक बोतल मंगाई। फिर अकबर से कहा कि वो इस बोतल में हाथी को घुसा दे और रोने लगी। ये तो खैर पुरानी कहानी हुई। जरा आइए आज आपको शीशे के बोतल में बंद दुनिया दिखाते हैं।
Everything in Glass Bottle शीशे की बंद बोतल में पूरी दुनिया, जी हां, जरा ये तस्वीरें देख लीजिए। शीशे की बोतल में भगवान शिव, हनुमान, मां दुर्गा, कृष्ण, यही नहीं ताजमहल, लालकिला और कुतुबमीनार भी कैद हैं। इन्हें देखकर हर कोई हैरान रह जाता है कि बहुत छोटी मुंह वाली बोतलों के भीतर ये बड़ा कारनामा हुआ कैसे? लेकिन शीशे की बोतलों में सपनों को सच करने वाले इस कलाकार का नाम राममोहन रघुवंशी है, जो रायसेन जिले के उदयपुरा के रहने वाले हैं। उनकी ख्वाहिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिमा कांच की बोतल के भीतर बनाकर भेंट करने की है।
9 सालों से छोटी-बड़ी शीशियों के भीतर कलाकृतियां रच रहे राममोहन रघुवंशी छोटे छोटे तार के औजार, कबाड़खाने से लाई गई शीशियों और थर्मोकोल के सहारे ये कमाल कर रहे हैं। ऐसी अनोखी कलाकृति शुरु करने के पीछे की उनकी कहानी भी। बादशाह अकबर और बीरबल की कहानी से मैच करती है।
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एक कलाकृति बनाने में उन्हें तीन से पांच दिन लगते हैं। लोगों का कहना है कि उनका नाम गीनिज बुक में दर्ज होना चाहिए। साथ ही उन्हें सरकार की ओर से प्रोत्साहन भी मिलनी चाहिए। कला की कीमत कद्रदान से होती है। राममोहन रघुवंशी की इस अनोखी कला की तारीफ तो खूब हो रही है, लेकिन जरुरत इस कला को एक अच्छे प्लेटफॉर्म की है।
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