इंदौर। Indore MY Hospital Case Update : मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में स्थित एमवाय अस्पताल की घटना पर बवाल मच गया है। अस्पताल में शनिवार देर रात एक महिला डॉक्टर के रूम के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की गई। महिला डॉक्टर ड्यूटी रूम में आराम करने गई थी। इसी दौरान नशे में धुत अटेंडर ने दरवाजे को तोड़ने की कोशिश की। हैरानी की बात तो यह है कि इस दौरान वहां कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं था। सिक्योरिटी गार्ड रूम से दूर ड्यूटी के दौरान नींद भांजता मिला। अब इस घटना के बाद से अस्पताल के सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के बाद राज्य में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया। इस घटना पर कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई तो वहीं आईबीसी24 ने इस पूरे कांड को प्रमुखता से प्रसारित किया। जिसके बाद शासन प्रशासन एक्शन में आया। इस मामले को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जांच समिति की गठन किया गया। बता दें कि चार सदस्य की जांच समिति गठित की गई। समिति में एमवाय अस्पताल के ही चार डॉक्टरों को शामिल किया गया। मेडिसिन के विभाध्यक्ष, मेडिसिन के सहायक प्राध्यापक, सहायक अधीक्षक सहित मेडिसिन आरएमओ को शामिल किया गया है।
इंदौर के MY हॉस्पिटल में देर रात एक महिला डॉक्टर की सुरक्षा में चूक को लेकर इंदौर सांसद शंकर लालवानी का बड़ा बयान सामने आया है। सांसद लालवानी ने कहा कि मामला संज्ञान में आ चुका है। प्रशासन इसमें उचित कार्रवाई करेगा। इस तरह कि घटना कि पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भी प्रसाशनिक अशिकारियो से बात की है। तो वहीं मंत्री प्रहलाद पटेल कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जूडा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक डॉ विक्रान्त भूरिया का MY अस्पताल की घटना पर बड़ा बयान सामने आया है। विक्रांत भूरिया ने कहा कि महिला स्टाफ कहीं किसी अस्पताल में सुरक्षित नहीं है। सरकार सिर्फ हवा में दावे करती है। डॉ प्रोटेक्शन एक्ट सिर्फ दिखावे के लिए लागू है। अस्पतालों में मारपीट,छेड़खानी की घटनाएं हकीकत है। महिला डॉक्टर असुरक्षित हैं,ये घटनाएं पहले भी हुईं हैं,ऐसे हादसों की जिम्मेदार सरकार है। डॉ. विक्रांत भूरिया ने कहा कि सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर्स की सुरक्षा को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एमवाय मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई बदसलूकी की घटना को आईबीसी 24 द्वारा प्रमुखता से दिखाने पर सरकार और स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान में लिया है मामले में लगातार प्रदेश के जिम्मेदारों के बयान सामने आ रहे है। घटना पर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि समाज में विकृत मानसिकता के लोग हैं। एमपी में शासन अलर्ट है। समाज भी भूमिका निभा रहा। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए।
वहीं कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने कहा कि कोलकाता मध्यप्रदेश नहीं हो सकता,मध्यप्रदेश तो मध्यप्रदेश है। यहां किसी की दम नहीं हैं कि कोलकाता जैसी हरकत करें। कोलकाता में किसका राज है आप सबको मालूम है। मप्र वो प्रदेश है जहां डॉ मोहन यादव की सरकार है। यहां अराजकता का स्थान नहीं है।
इंदौर के एमवाय अस्पताल के उप अधीक्षक ने आईबीसी 24 से बातचीत के दौरान बताया कि शनिवार रात को इस मामले की शिकायत की गई थी कि पांचवी मंज़िल पर एक अटेंडर ने महिला के ड्यूटी रूम का दरवाज़ा ज़ोर ज़ोर से ठोका है। अब हाल ही में कोलकाता में हुई घटना से सभी भयभीत है जिसके चलते देर रात ऐसे दरवाज़ा बजते देख महिला डॉक्टर भी डर गई। हालाँकि बाद में मामले को संभालने की कोशिश भी की गई। फिलहाल इस पूरे मामले में चार सदस्यों की जांच टीम बना दी गई है। चरों ही सीनियर डॉक्टर हैं और एमवाय स्टाफ के ही हैं। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा।
इंदौर में एमवाय हॉस्पिटल में हुई घटना के मामले में मंत्री तुलसी सिलावट एक्शन में दिखाई दिए हैं, एमवाय हॉस्पिटल में डॉक्टर के साथ हुई बदसूलकी के मामले में मंत्री तुलसी सिलावट ने कमिश्नर दीपक सिंह से फोन पर चर्चा की है, मंत्री ने कमिश्नर को निर्देश दिए कि वह एमवाय अस्पताल का दौरा कर डॉक्टर की पर्याप्त सुरक्षा करने के लिए बैठक करें और सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि कल जो घटना हुई है उसकी जितनी भत्सना की जाए कम है।
इस पूरे मामले में इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी घटना की निंदा की है। पुष्यमित्र भार्गव ने कहा है कि डॉक्टर देव तुल्य हैं और अपना सब कुछ देकर सेवा करते हैं, ऐसे में कोई उनके साथ दुर्व्यवहार करें यह असहनीय हैं, भार्गव ने कहा कि मैं पुलिस प्रशासन को कह रहा हूं कि वह कार्रवाई करेंगे ऐसी घटना होना दुख है।
वही इस पूरे मामले पर महिला कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा है कि एमवाय हॉस्पिटल एक बड़ा हॉस्पिटल है और वहां कई महिलाएं काम करती हैं, यदि वे सुरक्षित नहीं होगी तो किस तरह से काम कर पाएगी, जब घटना हुई तब सुरक्षाकर्मी क्या कर रहे थे, शोभा ओझा ने कहा की इस मामले पर कार्रवाई होना चाहिए और पुलिस को भी मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
मंत्री से मिले निर्देशों के बाद अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे और डॉक्टर की सुरक्षा को लेकर के आवश्यक कदम उठाए जाएंगे इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि जिस प्रकार से घटाना सामने आई है उसके कई और तथ्य भी सामने आएंगे। एमवाय हॉस्पिटल सबसे बड़ा हॉस्पिटल है और यहां पर डॉक्टर की सुरक्षा निश्चित हो इस पर ध्यान दिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि सीसीटीवी की दृष्टि से कोई भी ब्लैंक स्पॉट ना रहे इस पर ध्यान दिया जा रहा है। जो वीडियो आया है उसकी भी जांच की जा रही है और जांच समिति जो रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर के एमवाय अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना को लेकर अब तरह तरह के पहलु और बयान सामने आ रहे हैं। एमवाय में अलोक जैन नामक मरीज़ भर्ती है जिसके साथ अटेंडर के तौर पर मौजूद था मोनू जैन। ऐसे में मोनू जैन ही वो व्यक्ति है जिसके ऊपर डॉक्टरों द्वारा बदसलूकी के आरोप लगाए जा रहे हैं।
मोनू जैन के भाई अमलेंद्र जैन ने आज मीडिया से चर्चा की और इस बीच बताया की मोनू जैन अपने पेशेंट के लिए डॉक्टर को बुलाने गया था। उसने दरवाज़े को ज़ोर से पीटा नहीं था सिर्फ बजाया था। मोनू के नशे में होने वाली बात को भी झूठा बताते हुए कहा कि वो नशा नहीं करता है। हालाँकि अस्पताल प्रबंधन द्वारा हुई पूछताछ के बाद मोनू जैन के परिजनों ने अस्पताल को लिखित में माफ़ी नामा भी दे दिया है जिसके बाद अब वे भी विभागीय जाँच की रिपोर्ट के आने का इंतज़ार कर रहे हैं।
इंदौर की घटना के बाद जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन एकजुट हो गया है। एसोसिएशन ने राज्य सरकार से की मांग की है कि जो आदेश हमारी सुरक्षा के लिए जारी किया गया है, उसे जल्द लागू भी किया जाए। एसोसिएशन के सचिव सिद्धार्थ कीमती का कहना है कि, इंदौर की घटना का हम कड़ी निन्दा करते है, ये बहुत गलत हुआ। ये घटना दर्शाता है कि, अभी भी डॉक्टर्स और जूनियर डॉक्टर्स की सुरक्षा की मांग का समाधान नहीं हुआ है। डॉक्टर्स और जूनियर डॉक्टर्स की आदेश जारी करने से सुरक्षा नहीं होगी। सुरक्षा के लिए जारी किए गए आदेश और गाइडलाइन को लागू करने से ही सुरक्षा होगी। एमपी में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन एकजुट है। सुरक्षा को लेकर हम प्रशासन के हर कदम पर साथ हैं।
इंदौर के एमवाय अस्पताल में हुई महिला डॉक्टर के साथ बदसलूकी के बाद अब अस्पताल की सिक्योरिटी टाइट नजर आ रही है। इसे देख कर एक बार फिर कहा जा सकता है कि आईबीसी 24 की खबर का खासा असर हुआ है। इस दिन आज सुबह ही आईबीसी24 संवाददाता निहारिका शर्मा मामले में बड़ा अपडेट दिया है। अब बिना आईडी कार्ड पहचान पत्र और अटेंडर पास के किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में प्रवेश लेने पर प्रतिबंधित किया हुआ है। इतना ही नहीं है अस्पताल के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे भी ठीक किए गए हैं और गार्डस को भी तैनात किया हैं।
इस बीच, एमवाय अस्पताल में हुई घटना के बाद पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता और कलेक्टर आशीष सिंह अस्पताल पहुंचे। जहांं उन्होंने अस्पताल का दौरा कर बैठक ली। अस्पताल में सुरक्षा के इंतजाम को लेकर जानकारी ली। सीसीटीवी कैमरे के दायरे को लेकर भी चर्चा की जाएगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ अन्य मुद्दों पर भी ध्यान दिया है। अधीक्षक डॉ. अशोक यादव को दिशा निर्देश दिए। दीवारों पर हो रही सीलन को ठीक करवाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि सीलन से भी मरीजों के स्वास्थ्य में दिक्कत आती है।
इंदौर के एमवाय अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने नाराज़गी जताई है। आईएमए ने पूछा है कि क्या डॉक्टर्स को अपनी हड़ताल खत्म करने का यही सिला मिला है। आईएमए इँदौर के अस्पताल कांड को जबलपुर हाईकोर्ट के संज्ञान में लाने जा रहा है ताकि मामले पर कड़ी कार्यवाई भी हो और डॉक्टर्स की सुरक्षा भी हो। आईएमए जबलपुर के अध्यक्ष डॉक्टर अविजित विश्नोई का कहना है कि देश की बेटियां अगर अपने वर्कप्लेस पर असुरक्षित हैं तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। उन्होने कहा कि ये शर्मनाक है कि सरकार अपनी ही सरकारी जगहों पर बेटियों को सुरक्षा ना दे पाए। उन्होने पूरा मामला हाईकोर्ट में लंबित मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट में रखने की बात की है।
इंदौर की घटना पर राज्य सरकार सख्त हो गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कानूनी और विभागीय कार्यवाही की बात एमपी के लोक स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेद्र शिवाजी पटेल ने कही है। आईबीसी 24 से खास बातचीत में मंत्री पटेल ने कहा कि, इंदौर में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना अत्यंत गंभीर है। मामले में विभाग ने कमेटी बनाई है जो जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। जो भी दोषी होगा, कड़ी कार्यवाही की जायेगी… मंत्री ने मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका जताते हुए कहा कि, यदि कोई दोषी विभाग का कर्मचारी है, तो उसे भी विभाग से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रति सरकार गंभीर है। कई तरह आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जा रही है।
इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में शनिवार रात करीब 12:30 बजे फिर एक ड्यूटी डॉक्टर को निशाना बनाया गया। एक महिला ड्यूटी डॉक्टर अपना पूरा राउंड कंप्लीट करने के बाद जब फीमेल डॉक्टर ड्यूटी रूम में आराम करने पहुंचती है तो कोई उसके दरवाजे पर जोर-जोर से ठोकता है। दरवाजे को इस तरह से ठोका जाता है कि मानो उसे तोड़ने का इरादा हो। जब मौके पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर सहम कर दरवाजा खोलती है तो उसे दिखता है कि एक नशे में धुत अटेंडर उसके दरवाजे पर खड़ा है और चिल्ला रहा है। जब वह खुद के बचाव के लिए चिल्लाती है तो मौके पर एक भी गार्ड मौजूद नहीं रहता है। देखने को मिलता है की पूरे फ्लोर पर ड्यूटी के लिए केवल एक ही गार्ड है और वो भी नींद निकल रहा है।
इसके बाद सभी ड्यूटी डॉक्टर वहां पहुंचते हैं और उसे अटेंडर को वहां से बाहर निकालते हैं। गौरतलब है कि डॉक्टरों ने खुद ही अपने आप को इस व्यक्ति से बचाया । इस मामले में किसी भी तरह का सीसीटीवी फुटेज भी सामने नहीं आ पाया और इसका कारण यही था कि वहां सीसीटीवी कैमरे थे ही नहीं। वह अस्पताल जहां गार्डस की तैनाती और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होनी चाहिए वो पूरी तरह सुनसान पड़ा है। ऐसे में पीड़ित डॉक्टर ने आईबीसी 24 पर अपनी आप बीती भी सुनाई है।
राजनीति से अलग हटकर अगर इसे आम तरह से देखा जाए तो हर किसी के मन में खौफ है। कोलकाता में हुए आभ्या कांड के बाद से सभी सहमें हुए हैं। आईबीसी से बातचीत के दौरान सोशल वर्कर रूबी सलूजा ने कहा की महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं है चाहे वह स्कूल हो वैन हो सड़क को या फिर एक अस्पताल। महिलाओं को खुद की सूझबूझ और हिम्मत से ही अपना बचाव करना होता है। अस्पतालों की हालत दयनीय है जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में एमवाय अस्पताल में देखने को मिला है।
एमवाय अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई बदसलूकी के बाद एमपी के डॉक्टर्स में आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है। इस बीच, ग्वालियर की जूनियर्स डॉक्टर्स ने भी नाराजगी जताई है। जयरोग्य अस्पताल और जीआरएम मेडिकल कॉजेल में कई डाक्सस्पॉट है। जहां कभी भी कोई भी बड़ी घटना हो सकती है। कॉलेज और अस्पताल कैंपस में असमाजिक तत्व घूमते रहते हैं। जूडा डॉक्टर्स का कहना है कि आए दिन अस्पतालों में डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर चिंता होती है। इतना ही नहीं कोलकाता जैसी बड़ी घटना होने के बाद भी शासन प्रशासन डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे है। रात में काम करते समय महिला डॉक्टर्स की डरकर काम करना होता है।