NMT project: जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में साईकिल शेयरिंग और साईकल चलाने के लिए नालों के ऊपर एनएमटी यानि नॉन मोटराईज़्ड ट्रैक बनाने के नाम पर पूरे 7 करोड़ रुपए फूंक दिए गए। फिर भी स्मार्ट सिटी का ये प्रोजेक्ट औंधे मुंह गिर गया। जिसमें न सायकिलें बचीं और न एनएमटी बन पाया। अब कांग्रेस के महापौर प्रोजेक्ट की जांच की बात कह रहे हैं। साल 2017 में जबलपुर स्मार्ट सिटी ने सायकिल शेयरिंग और साईकिलें चलाने के लिए नालों के ऊपर ट्रैक बनाने का प्रोजेक्ट शुरु किया था। लेकिन ये प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हो पाया है।
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NMT project: ज़ोर शोर से शुरु किया गया ये प्रोजेक्ट साल दर साल नाकाम होता गया। प्रोजेक्ट में 400 साईकिलों के साथ 40 स्मार्ट साईकिल स्टेशन का निर्माण किया गया जिसमें लोगों ने दिलचस्पी भी दिखाई। लेकिन साईकिलें चलाने के लिए एनएमटी आज तक पूरा नहीं बन पाया। प्रोजेक्ट पर पूरे 7 करोड़ खर्च कर दिए गए लेकिन अब साईकिलें नगर निगम के स्टोर में पड़ी खराब हो रही हैं और एनएमटी बदहाल हैं। कांग्रेस के नवनिर्वाचित महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने प्रोजेक्ट की समीक्षा और जांच की बात कही है।
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NMT project: शहर को प्रदूषण मुक्त और लोगों को स्वस्थय बनाने के नाम पर जबलपुर में बड़ा खेल हुआ है। पूरे 7 करोड़ 60 लाख रुपयों के इस प्रोजेक्ट में जबलपुर में 7 किलोमीटर लंबा एनएमटी बनाया जाना था। इसमें साईकिल ट्रैक के अलावा पाथ वे, स्ट्रीट फर्नीचर, वेंडिंग कियोस्क और यूटिलिटी डक्ट भी बनाए जाने थे। अधूरी कवायद पर ही 7 करोड़ खर्च होने से जब ये प्रोजेक्ट औंधे मुंह गिर गया। तो स्मार्ट सिटी पीपीपी मोड पर फिर इस प्रोजेक्ट को शुरु करने की तैयारी कर रही है। हालांकि देखना होगा कि प्रोजेक्ट के नाम पर सरकारी पैसों की बर्बादी पर क्या जांच होती है।