रिपोर्ट- सुधीर दंडोतिया, भोपाल: atrocities on Kashmiri Pandits देश में आए दिन फिल्मों और अभिनेताओं को लेकर विवाद चर्चा में रहता है। ऐसा ही विवाद खड़ा हुआ हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर जो इन दिनो देश के हर कोने में चर्चा का विषय बनी हुई है। द कश्मीर फाइल्स फिल्म में 1990 में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को दर्शाया गया है। इस फिल्म पर खड़े विवाद से मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं है। द कश्मीर फाइल्स को लेकर एमपी में राजनीतिक सरगर्मिया तेज हो गई हैं। एक तरफ जहां बीजेपी कश्मीरी पंडितों पर ढाए जुल्मों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है तो वहीं, कांग्रेस इसके लिए तत्कालीन बीजेपी समर्थक केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ रही है।
atrocities on Kashmiri Pandits 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर सारे देश में चर्चा और बहस के बीच मध्य प्रदेश में भी इसे लेकर सियासत गरमाई हुई है। शिवराज सरकार के फिल्म को टैक्स फ्री करने के बाद, ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस फिल्म को देखने के लिए पुलिस कर्मियों के लिए अवकाश तक की घोषणा कर दी। खुद मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार के मंत्री, बीजेपी विधायकों के साथ इस फिल्म को देख रहे हैं। पूरे प्रदेश में बीजेपी और संघ सिनेमा हॉल बुक कराकर प्रमोशन में लगे हैं।
इधऱ, कांग्रेस का कहना है कि इस फिल्म के बहाने बीजेपी ध्रुवीकरण कर समाज को बांटने में लगी है। साथ ही कांग्रेस विधायक ने ये कहते हुए भाजपा पर पलटवार किया कि कश्मीरी पंडितों के पलायन के वक्त भाजपा तब क्यों खामोश रही। देशभर में 11 मार्च को रिलीज हुए फिल्म द कश्मीर फाइल्स इस वक्त चारों तरफ चर्चा में है। छोटे बजट की इस फिल्म ने बिना किन्हीं बड़े स्टार्स और प्रचार के बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है। फिल्म का निर्देशन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने किया। फिल्म 1990 में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को दिखाती है।
मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री किया गया है। भाजपा के कई नेता और जनप्रतिनिधि पूरे थियेटर बुक कराकर लोगों को ये फिल्म दिखा रहे हैं। फिल्म कश्मीर फाइल्स को देखने के लिए मध्य प्रदेश के गृह मंत्रालय ने पुलिस कर्मियों को अवकाश देने के निर्देश जारी किया है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने मंत्रिमंडल और बीजेपी विधायकों के साथ फिल्म देखना तय कर चुके हैं। संघ भी फिल्म को जरूर देखने के लिए प्रेरित कर रहा है।
इस माहौल के बीच कश्मीर और कश्मीरी पंडितों से जुड़े इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया भी जंग छिड़ चुकी है। बहस का बड़ा मुद्दा है इस फिल्म में दिखाए गए फेक्ट्स का और उससे पार्टियों को आगे होने वाले सियासी नफे नुक्सान का क्योंकि ये फिल्म जिसने भी देखी उसे भावनात्मक तरीके से झकझोर जरूर रही है।