विधानसभा में उठा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा, मंत्री ने कहा 2023 से नियमित किए जा रहे संविदा और दैनिक वेतनभोगी

regularization of contract and daily wage employees: मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी के नियमितीकरण को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद हमारी सरकार ने 2007 में दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने के आदेश दिए थे। तबसे दैनिक वेतन भोगी लगातार नियमित हो रहे हैं।

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  • Publish Date - July 2, 2024 / 05:28 PM IST,
    Updated On - July 2, 2024 / 05:28 PM IST

भोपाल : regularization of contract and daily wage employees मध्यप्रदेश में सदन की कार्यवाही जारी है। आज कांग्रेस विधायक देवेंद्र रामनारायण सखवार ने प्रश्नकाल में दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया। जिसके जवाब में मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी के नियमितीकरण को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद हमारी सरकार ने 2007 में दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने के आदेश दिए थे। तबसे दैनिक वेतन भोगी लगातार नियमित हो रहे हैं। संविदा कर्मियों को भी 2023 में बनी नीति के अनुसार नियमित किया जा रहा है। 2016 के बाद 387 दैनिक वेतन भोगी 32 संविदा कर्मी और हजारों अस्थाई कर्मी नियमित हुए हैं।

वहीं प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक आतिफ अकील की सदन से मांग थी कि मध्य प्रदेश में शराबबंदी हो। आतिफ अकील ने शराब की अन्य प्रदेशों में तस्करी संबंधी जानकारी मांगी थी। जिस पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि ऐसा कोई प्रकरण नहीं है।

27 हजार 657 महिलाओं को लाड़ली बहना योजना से हटाया गया

वहीं प्रश्नकाल में निर्दलीय विधायक कमलेश्वर डोडियार ने लाड़ली बहना योजना से जुड़ा सवाल पूछा। सरकार ने लाड़ली बहना योजना में अपात्र हितग्राहियों की जानकारी दी। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने सदन में लिखित जवाब दिया। निर्धारित पात्रता की शर्तों को पूरा नहीं करने पर 27 हजार 657 महिलाओं को योजना से हटाया गया है।

अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कानून बदले

प्रश्नकाल समाप्ति के बाद सदन में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव नए कानून भारतीय न्याय संहिता के बारे में वक्तव्य दिया। सीएम डॉ मोहन यादव ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि ये देश में नए युग की शुरुआत है। तीनो कानूनों की आत्मा देशवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए है। पहली बार ऐसा हुआ है, अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए कानून बदले हैं। यह कानून की आत्मा लोगों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करती है। भारत में दंड की नहीं न्याय की परंपरा है। इन कानून का उद्देश्य दंड देना नहीं न्याय दिलाना है।

राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान पर हंगामा

वहीं आज विधानसभा में राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान पर हंगामा मचा। बीजेपी विधायक डॉ सीतासरन शर्मा के बयान पर हंगामा हुआ, कांग्रेस ने कहा कि उनके बयान को गलत तऱीके से पेश किया जा रहा। भाजपा विधायकों ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित की गई।

भाजपा विधायकों ने राहुल गांधी के बयान पर मुर्दाबाद के नारे लगाए, सदन में राहुल गांधी हाय हाय के नारे लगे। इस तरह आज सदन में राहुल गांधी का बयान जमकर गूंजा।विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ सीता शरण शर्मा ने कहा राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू हिंसक होता है और राहुल गांधी को माफी मांगना चाहिए।

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