आक्रमणकारियों और मैकाले ने पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली पर हमला किया; मप्र मुख्यमंत्री यादव

आक्रमणकारियों और मैकाले ने पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली पर हमला किया; मप्र मुख्यमंत्री यादव

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  • Publish Date - October 26, 2024 / 12:05 AM IST,
    Updated On - October 26, 2024 / 12:05 AM IST

भोपाल, 25 अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि आक्रमणकारियों ने तक्षशिला और नालंदा में असाधारण शिक्षण संस्थानों को नष्ट कर दिया, जबकि लॉर्ड मैकाले जैसे ब्रिटिश प्रशासकों ने देश की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने की कोशिश की।

यादव ने यहां आरसीवीपी नोरोन्हा राज्य प्रशासन अकादमी में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक भारतीय शिक्षा अपनी मजबूत नींव के साथ आक्रमणकारियों और मैकाले के विनाश के प्रयासों का सामना कर सकी।

उन्होंने कहा, ‘ब्रिटिश शासन के दौरान लॉर्ड मैकाले ने पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली को बर्बाद करने की पूरी कोशिश की।’

थॉमस बैबिंगटन के नाम से जन्मे लॉर्ड मैकाले ने ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में अंग्रेजी भाषा और ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की थी। 1835 में, अंग्रेजी को सरकार और अदालतों के लिए आधिकारिक भाषा बना दिया गया और शिक्षा के आधिकारिक माध्यम के रूप में अपनाया गया।

यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के गौरवशाली इतिहास को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठ्यक्रम में मूल्य-उन्मुख शिक्षा को लागू करने के लिए एनईपी के तहत कई पहल की जा रही हैं।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, मप्र के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा, ‘शिक्षक एक आदर्श समाज और देश के निर्माता हैं। वे बच्चों के भविष्य को आकार देने और उन्हें ज्ञान, गुण और परंपरा प्रदान करके उन्हें आदर्श नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’

उन्होंने शिक्षकों से भारत को एक विकसित राष्ट्र और विश्व नेता बनाने में योगदान देने के लिए बच्चों को सशक्त बनाने को कहा।

भाषा दिमो नोमान

नोमान