भोपाल: मध्यप्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से आदिवासी और उन अत्याचार को लेकर लगातार बयानबाजी आप सुन रहे थे, लेकिन अचानक राहुल गांधी के एक बयान के बाद यहां की राजनीतिक हलचल में कुछ परिवर्तन हुआ। सत्ता पक्ष में रहने बाद भी सड़कों पर प्रदर्शन, रैली और नारेबाजी और फिर FIR।
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भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर नारेबाजी करते हुए निकले, प्रदेश में अमूमन ऐसी तस्वीरें विपक्षी दलों की ज्यादा होती है, लेकिन ये विपक्षी नहीं बल्कि सत्ताधारी दल बीजेपी के की कार्यकर्ता है। अब जरा विरोध और नारेबाजी के साथ कूच पर निकले कार्यकर्ताओं का मक़सद भी समझिए। विरोध के इन स्वरों की गूंज में देवी-देवताओं का जिक्र सुनाई दे रहा है और ये बवाल किसी और के बयान पर नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान को लेकर है। इसने भाजपा के भगवा और आरएसएस की साख पर ही सवाल खड़े कर दिए। दिल्ली में हुए महिला कांग्रेस के 38वें स्थापना दिवस में शामिल राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस धर्म की दलाली करती है। साथ ही हिंदू आस्था का केंद्र लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती का जिक्र करते हुए यह भी कह दिया कि बीजेपी ने उनकी शक्तियों को कम कर दिया है। एक तो आरएसएस, दूसरा हिंदुत्व ऐसे मसलों पर हमेशा हाई अलर्ट मोड पर रहे वाली बीजेपी इस बार भी कैसे चुप बैठ पाती। लिहाजा ट्वीटर से लेकर सड़कों पर मध्यप्रदेश की सियासत बिखरी दिखाई दे रही है। भोपाल के अरेरा हिल्स थाने में राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे रामेश्वर शर्मा ने भी तैश-तैश में विवादित बयान दे दिया।
कांग्रेस ने बीजेपी को जो मुद्दा दिया है उससे बयानों की बौछार शुरू हो चुकी है। पहला बयान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का आया। मिश्रा ने राहुल गांधी को इच्छाधारी हिंदू बताते हुए कहा कि ये सुविधानुसार टोपी और टीका लगाते हैं। वैष्णोदेवी के धार्मिक पर्यटन से आने के बाद जहर फैला का काम कर रहे हैं। कुछ ही देर बाद प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने राहुल गांधी के धर्म पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को देश को यह बताना होगा कि आखिर वे किस धर्म को मानते हैं, फिर नसीहत देते हुए कहा कि इटली की संस्कृति में पढ़ने-बढ़ने वाले राहुल गांधी इस देश के हिंदूओं को सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है।
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अब सवाल ये कि दो दिन पहले NCRB के आंकड़ों पर सरकार को घरने वाली कांग्रेस अब खुद अपने नेता के बयानों पर सफाई देती नजर आ रही है। कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने पलटवार करते हुए कहा कि अंग्रेजों के दलाल कौन थे ये इतिहास में दर्ज है। सत्ता के गुरूर में भाजपाई राजनैतिक गरिमा को भूल गए हैं। एक के बाद एक बयान और ट्वीटर के जरिए आरएसएस पर राहुल के हमले को कांग्रेसी बरकरार रखे हुए हैं। प्रदेश में ऐसे कई मुद्दे है जिन पर पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर बयानबाजी करते नजर आते हैं। आने वाले उपचुनाव और 2023 के विधानसभा चुनाव में धर्म, जाति, और हिंदुत्त्व का मुद्दा इन्हीं की गूंज सुनाई देने वाली है।
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