Reported By: Nasir Gouri
,MP Vidhan Sabha Chunav 2023: मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर में नामांकन वापस लेने वाले “चाय वाला आनंद कुशवाह की कहानी खूब चर्चित हो रही है। वह पार्षद से लेकर राजष्ट्रपति तक 27 बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इस बार भी नामांकन दाखिल किया था, लेकिन 28वीं वार चुनाव न लड़ते हुए उन्होंने खुद नाम वापस ले लिया। वजह चुनाव चिन्ह के रूप में उन्हें “चाय की केतली न मिलना थी। पूरा जीवन उन्होंने चाय का व्यवसाय किया है और यही उनकी पहचान है। वह खुद भी कहते हैं कि जब चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है तो मैं क्यों नहीं। यही कारण है कि ग्वालियर ग्रामीण से प्रत्याशी आनंद कुशवाह उर्फ रामायणी ने अपना नाम वापस ले लिया।
27 बार उतरे चुनाव मैदान में
नाम वापस लेने से पहले उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर से चुनाव चिन्ह को लेकर बात की, लेकिन जब “चाय की केतली नहीं मिली तो उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया। बता दें कि आनंद सिंह कुशवाह ने पार्षद से लेकर विधायक, सांसद, उपराष्ट्रपति व राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुका है। अभी तक आनंद 27 बार चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। यह उनका 28 वां चुनाव होने जा रहा था। यह उनकी किस्मत ही है कि अभी तक 27 बार चुनाव में उनको हार का ही सामना करना पड़ा है। पर इस बार उन्होंने नामांकन वापस खींचने के आखिरी दिन अपना नाम वापस लेकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया।
MP Vidhan Sabha Chunav 2023: इसके पीछे भी कहानी है आनंद को उनका पसंदीदा चुनाव चिन्ह “चाय की केतली नहीं मिल रही थी। उनका कहना है कि यही तो मेरी पहचान है। जब पहचान नहीं तो चुनाव कैसे लड़ सकता हूं। इस पर आनंद कहते हैं कि जब एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन सकता है ताे क्या मैं सांसद, विधायक नहीं बन सकता।