उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय में एक अनोखा मामला सामने आया है। दरअसल यहां की छात्रा दीपिका ने साल 2011 में बी कॉम की फाइनल ईयर की परीक्षा दी थी, जिसमें दो विषय में सप्लीमेंट्री आई। दीपिका ने पूरक परीक्षा दी ही नहीं इसलिए वो फेल घोषित हो गई, लेकिन फेल होने के बावजूद बिना दस्तावेज चेक किए दीपिका को एमकॉम में एडमिशन दे दिया गया।
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एमकॉम पास करने के बाद नौकरी के लिए अब दीपिका को बीकॉम की मार्कशीट की जरुरत पड़ी, तो दीपिका ने यूनिवर्सिटी से संपर्क किया। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने दीपिका का एमकॉम शून्य घोषित कर दिया है। अब यूनवर्सिटी प्रशासन फिर से दीपिका का बीकॉम का फाइनल ईयर का एग्जाम लेगा, इसमें छात्रा की भूमिका भी संदिग्ध है कि जब उसके पास फेल की मार्कशीट है तो वो इतने दिन तक कैसे चुप रही। वहीं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रशांत पुराणिक का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।