भोपाल: Start New Argument अक्सर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले दिग्विजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। मुख्यमंत्री की तरफ से मुलाकात का समय देने के बाद भी लिखित आदेश की मांग करते हए दिग्विजय सिंह ने धरना दिया, तो प्रदेश की सियासत गरमा गई। बीजेपी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हए समय मांगने के तरीके को तालिबानी करार दिया। दूसरी ओर स्टेट हेंगर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ की मुलाकात की तस्वीर भी सामने आई, जिसने सियासी गलियारों में नया बहस छेड़ दिया।
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Start New Argument दो दिग्गजों की मुलाकात वाली इस तस्वीर ने मध्यप्रदेश की सियासत में नई बहस छेड़ दिया है। दरअसल एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से समय न मिलने का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह लगा रहे थे, तो उसी समय स्टेट हेंगर पर सीएम शिवराज ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकत कर न केवल दिग्विजय सिंह के आरोपों का करारा जबाब दिया। बल्कि कांग्रेस के दो बड़े नेताओ के बीच की राजनीतिक खाई को भी गहरा दिया। कमलनाथ सीएम से मुलाकात के बाद दिग्विजय सिंह से मिलने भी पहुंचे, जहां वो धरना दे रहे थे। इधर CM शिवराज ने दिग्विजय सिंह को 23 जनवरी को मिलने का समय दिया है लेकिन वो लिखित में समय चाहते हैं।
दरअसल मुलाकात पर सियासी घमासान दिग्विजय सिंह के दो दिन पहले जारी एक वीडियो से शुरू हुआ, जिसमें गुना के टेम और सुठोलिया सिचाई परियोजना में डूब प्रभावित परिवारों के विस्थापन और उचित मुवाअजे को लेकर सीएम शिवराज से समय मांगने की बात कही थी। वीडियो में दिग्विजय सिंह ने चेतावनी भी दी थी, अगर उन्हें समय नहीं दिया गया तो वो सीएम हाउस के बाहर धरने पर बैठेंगे। हालांकि दिग्विजय सिंह सीएम हाउस धरने पर बैठते उससे पहले ही शिवराज और कमलनाथ की मुलाकत की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी और मुलाकात को लेकर कयास लगाए जाने लगे और पूरी बीजेपी को दिग्विजय सिंह पर हमलावर नजर आई और दिग्विजय के तरीके को तालिबानी करार दिया।
वैसे राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि आप दिग्विजय सिंह से प्यार कर सकते है उनसे नफरत कर सकते है पर उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते है। मध्य प्रदेश की सियासत में कभी चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह कई मौकों पर अपने राजनीतिक चक्रव्यूह में राजनेताओं को उलझाया है। इस बार भी सियासी पंडितों को अनुमान था की दिग्विजय सिंह का धरना देने का ऐलान शिवराज सरकार को परेशान कर सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री ने कमलनाथ से मुलाकात के बाद जिस तरह दिग्विजय सिंह को नजरअंदाज किया, उससे साफ़ है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी और सरकार ये जताने की कोशिश में है कि दिग्विजय सिंह का सियासी युग खत्म हो चुका है। बहरहाल शिवराज और कमलनाथ की मुलाकात की चिंगारी प्रदेश की राजनीति में दूर तक जायेगी। फिलहाल इन लपटों में दिग्विजय सिंह घिरते नजर आ रहे है।