Reported By: Umesh Yadav
,Awas For Sparrow in Central University : सागर। प्राणी संरक्षण को लेकर बुंदेलखंड में अविनाव प्रयोग किये जा रहे है। कुछ दिन पूर्व सागर के नौरादेही वन परिक्षेत्र में वल्चर रेस्टोरेंट प्रोजेक्ट यानी गिद्धों के लिए एक जगह पर भोजन उपलब्ध कराए जाने के नवाचार की खबर IBC24 ने दिखाई थी इसके बाद अब सागर के डॉ सर हरिसिंह गौर विवि से खबर है कि यहाँ विलुप्ति की कगार पर पहुंची गौरैया चिड़िया के निवास के लिए रेसिडेंटल कॉलोनी बनाई गई है।
Awas For Sparrow in Central University : दरअसल, सागर के डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय की दीवार पर पानी निकासी के लिए छोटे-छोटे छेद कर उसमें पाइप लगा दिए गए थे जिससे दीवार के पीछे से आने वाले पानी की निकासी हो सके। दीवार पर बने छेद में पक्षियों ने अपने घोंसले बना लिए थे। लगभग दो दर्जन से अधिक छेद में गौरैया पक्षी ने अपना आशियाना बना लिया है। पक्षियों के इस आशियाने को ही विश्वविद्यालय ने एक नया रूप देकर उसके संरक्षण की ठानी और भवन की इस दीवार पर बड़ी ही सुंदर चित्रकारी कर उसे गौरैया पक्षी के लिए ही समर्पित कर दिया। दीवार पर गौरैया के चित्र के साथ ही छेद के आसपास सुंदर कलाकृति बना दी गई। हर एक छेद को विभिन्न प्रकार के छोटे सुंदर नाम दे दिए गए हैं और इसे गौर गौरैया रेसिडेंटल कॉलोनी कहा जा रहा है।
कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने रिटर्निंग बाल की पाइप में गौरैया आवास का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रोफेसर नीलम गुप्ता ने कहा कि गौरैया पक्षी खुशी के प्रतीक है। इनके संरक्षण की दिशा में हमें इस तरह के अभिनव पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन पक्षियों की नियमित निगरानी के साथ उनकी बढ़ती हुई संख्या पर एक अध्ययन भी किया जा सकता है। यह प्रकल्प प्रकृति के प्रति हमारी संवेदनशीलता का सूचक है।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय इस दिशा में अभिनव पहल करेगा और एक उचित राशि भी आवंटित की जाएगी। रिटर्निंग बल पर बसी आवासीय कॉलोनी में फिलहाल 18 क्वार्टर आवंटित किए गए हैं। चीफ वार्डन प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता के संरक्षण में डॉक्टर राकेश सोनी, डॉक्टर आशुतोष सहित पांच वार्डन भी हैं जो इन पक्षियों की देखभाल करेंगे।