Nishank Rathore death case: भोपाल। बीटेक के छात्र निशंक राठौर की मौत और उसके पिता को आए मैसेज की जांच कर रही एसआईटी पांचवें दिन भी बेनतीजा है। निशांक की मौत खुदकुशी है या हत्या। पुलिस इसका खुलासा नहीं कर पाई है। एसआईटी को निशांक के फोन की फॉरेंसिक रिपोर्ट मिल गई है। घटना के शाम पेट्रोल पंप पर ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए 5:09 बजे निशांक ने अपने फोन का इंटरनेट ऑन किया था। पेमेंट करने के बाद पंप से निकलकर उसे बरखेड़ा ट्रैक तक पहुंचने में भी 8-10 मिनट लगे होंगे। आखिरी बार उसका फोन 6:02 बजे लॉक हुआ।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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SIT को मिली फोन की फॉरेंसिक रिपोर्ट
Nishank Rathore death case: एसआईटी का कहना है कि इन 52 मिनट के भीतर निशांक का फोन करीब 25 बार लॉक- अनलॉक हुआ है। फॉरेंसिक रिपोर्ट से पता चला कि तकरीबन हर बार फोन अनलॉक करने के लिए निशांक के फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल हुआ। इस पूरे 51 मिनट के भीतर फोन का यूजर फुटप्रिंट सिमिलर ही रहा, यानी अपने फोन को अनलॉक करने के बाद निशांक जिन-जिन एप्लीकेशन को ऑपरेट करता था, वहीं एप्लीकेशन उसी क्रम में इस्तेमाल होती नजर आई हैं। शाम 6:02 बजे के बाद निशांक का फोन दोबारा अनलॉक नहीं हुआ, यानी तब तक उसकी मौत चुकी थी। हत्या से जुड़े सबूतों के मामले में अभी भी एसआईटी के हाथ खाली है। आज निशांक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी। इसके बाद भी मौत से जुड़े की खुलासे होने के आसार है।
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