सीधी। लोन की किस्त जमा नहीं हुई तो फाइनेंस सहकर्मी ने आदिवासी महिला सहित दूधमुहें बच्चे को उठा कर ले गये। 1050 रुपये लोन की किश्त के लिए फाइनेंसर सहकर्मी ने अंजाम दिया था । महिला और बच्चे का रो-रो के बुरा हाल था। सुबह से शाम तक दोनों को दफ्तर में फाइनेंसर सहकर्मी बिठाए रखा।
दरअसल, यह पूरा मामला सीधी शहर में स्थित भारत फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का है, जहां कर्मचारियों ने आदिवासी क्षेत्र के डेवाडाड़ गांव की निवासी महिला के साथ वारदात को दिया अंजाम। फाइनेंस कर्मचारी के द्वारा दिए गए इस तरह वारदात की चौतरफा निंदा हो रही है। यह फाइनेंस कंपनी गरीब तबके के लोगों को स्वरोजगार के लिए आदिवासी ग्रामीणों को बहला फुसलाकर लोन देती है, फिर वसूली के लिए आये दिन लोगों के साथ बदसलूकी करती है।
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