शिवपुरी। फर्जी दिव्यंगता प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने वाले जिले के 7 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। फर्जीवाड़े के इस खुलासे के बाद विभाग अब साल 2021 से अब तक दिव्यांगता की विभिन्न कैटेगरी में नौकरी हासिल कर कार्यरत शिक्षकों की दिव्यांगता को भी संदेह की नजर से देख रहा है और लोक शिक्षण संचालनालय के निर्देश पर जिले में नवनियुक्त ऐसे 64 शिक्षकों की दिव्यांगता 3 जुलाई से जिला अस्पताल के कमरा नंबर 25 में मेडिकल बोर्ड के विशेषज्ञ जाचेंगे।
11 ऐसे नवनियुक्त शिक्षक जो अब दूसरे जिलों में तबादला करवा चुके हैं उनकी दिव्यांगता का परीक्षण उसी जिले में होगा। इधर सबसे विवादों में रही श्रवण बाधित केटेगरी की दिव्यांगता अब विशेषज्ञ आडियोमेट्री मशीन से जांचेंगे तो वहीं विजन टेस्ट मशीन, दृष्टि दिव्यांगता की परख करेगी। हालांकि मस्क्यूलर डिसेबिलिटि के परीक्षण के लिए एमआरआई कराना होती है, जो जिले में उपलब्ध न होने के कारण इस केटेगरी के शिक्षकों को ग्वालियर भेजकर टेस्ट रिपोर्ट तलब की जाएगी।
दिव्यांगता के परीक्षण की इस कवायद के परिणामों पर सबकी नजर टिकी हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौर ने जिले के सभी बीईओ व संकुल प्राचार्यों को निर्देशित कर दिया है कि उनके क्षेत्र अंतर्गत सूची में शामिल दिव्यांग शिक्षकों को पत्र की तामील करा कर 30 जून तक पावती डीईओ कार्यालय भेजनी होगी। यदि कोई शिक्षक 3 जुलाई से 5 जुलाई तक जिला अस्पताल के कमरा नंबर- 25 में निर्धारित दिनांक तक उपस्थित नहीं हुआ तो उसकी नियुक्ति निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। IBC24 से वीरेंद्र राठौड़ की रिपोर्ट
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