Two theologians came face to face on this chaupai of Hanuman Chalisa: सीहोर। श्री रामभद्राचार्य महाराज द्वारा हनुमान चालीसा में बताई 4 गलतियों पर जताया विरोध तर्क देकर कहा मूल हनुमान चालीसा सही है। सीहोर विश्व धर्म संसद के प्रदेश अध्यक्ष और कथावाचक पंडित अजय पुरोहित ने आज तर्क देकर कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ सेकड़ों वर्षों से जनमानस करता आ रहा है। मूल रूप से आज जो हनुमान चालीसा पड़ी जा रही है वो ही सही है। तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा में कोई गलती नहीं है।
रामभद्राचार्य जी ने हनुमान चालीसा में जो चार गलतिय बताई है, उन पर भक्त ध्यान न देकर हनुमान चालीसा के मूल स्वरूप का पाठ ही करना चाहिए। हनुमान चालीसा के एक दोहे शंकर सुमन केसरी नंदन को रामभद्राचार्य के हिसाब से शंकर स्वयं केसरी नंदन होना चाहिए, पर पंडित अजय पुरोहित ने कहा कि जब हनुमान जी शंकर जी के पुत्र है और शंकर जी के तेज से पैदा हुएं है तो वो शंकर सुमन ही हुवे। इसलिए शंकर सुमन केसरी नंदन सही है। इसी प्रकार एक चोपाई होई सिद्ध साखी गौरीसा पर कहा कि तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा लिखने के बाद गोरी यानी स्वयं शंकर जी से हस्ताक्षर करवाये। जब हनुमान चालीसा पर स्वयं शंकर जी ने हस्ताक्षर किए है तो फिर गलती का सवाल ही नहीं है।
Two theologians came face to face on this chaupai of Hanuman Chalisa: इसी प्रकार अन्य दो चौपाइयों पर भी पंडित अजय पुरोहित ने तर्क सहित सिद्ध किया कि तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा में कोई गलती नहीं है। पंडित रामभद्राचार्य जी पर आरोप लगाते हुए पण्डित अजय पुरोहित ने कहा कि कुछ वर्षों पहले इसी प्रकार रामचरित मानस की चोपाइयों में भी रामभद्राचार्य ने गलतिय निकली थी। बाद में अपनी गलती मानी और 10 लाख का जुर्माना भी अदा किया। IBC24 से कवि छोकर की रिपोर्ट