FIR on bageshwar baba

अब ये क्या कह गए महाराज! पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ FIR दर्ज, उग्र आंदोलन की चेतावनी

FIR on bageshwar baba बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ मामला दर्ज, हैहयवंशी समाज पर की थी विवादित टिप्पणी

Edited By :   Modified Date:  April 28, 2023 / 10:11 AM IST, Published Date : April 28, 2023/9:41 am IST

FIR on bageshwar baba: सीहोर। बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री की मुश्किलें आए दिन बढ़ती जा रही है। छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश में हैहयवंश समाज वाले मामले ने तूल पकड़ लिया है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री की विवादित टिप्पणी ने विवाद का नया रूप अख्तियार कर लिया है। हैहयवंशी समाज ने आज कोतवाली पहुंचकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

FIR on bageshwar baba: थाने पहुंचे समाज के लोगों ने ज्ञापन देकर मांग की गई कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हमारे भगवान के बारे में बिना सोचे समझे अमर्यादित टिप्पणी की जिससे हमारी धर्मिक भावना आहत हुई है। इसलिए धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की जाए। अगर जल्द ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो हम आगे और उग्र आंदोलन करेंगे।

हैहयवंश समाज को लेकर पं. धीरेंद्र शास्त्री का बयान

FIR on bageshwar baba: परशुराम जयंती पर कथावाचक पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने भगवान श्री राज राजेश्वर सहस्त्र बाहू महाराज को लेकर टिप्पणी की थी कि ये क्षत्रिय अचानक से प्रकट कहां से हो जाते थे, इस पर थोड़ी सी चर्चा करते हैं। सहस्त्रबाहु जिस वंश से था, उस वंश का नाम था हैहय वंश। हैहय वंश के विनाश के लिए भगवान परशुराम ने फरसा अपने हाथ में उठाया। हैहय वंश का राजा बड़ा ही कुकर्मी, साधुओं पर अत्याचार करने वाला, स्त्रियों पर बलात करने वाले थे। ऐसे आतताइयों के खिलाफ भगवान परशुराम ने फरसा उठाया।

FIR on bageshwar baba: इसके बाद शास्त्री ने कहा कि शास्त्र में कहा है कि साधु का काम ही है कि दुष्टों को ठिकाने लगाते रहना। इसलिए उन्होंने हैहयवंश के राजाओं को मारना प्रारंभ किया, लेकिन आपने शास्त्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए कभी भी न तो स्त्रियों पर अपना फरसा उठाया, न ही बालक-बालिकाओं पर अपना फरसा उठाया। उन्होंने आताताई राजाओं को मार दिया, पर उनके बच्चों को हाथ नहीं लगाया, लेकिन जब वह बच्चे युवा हुए और उन्होंने भी अत्याचार प्रारंभ किया और उन्होंने भी अपने पिता का बदला लेने के लिए भगवान परशुराम पर आक्रमण किया तो फिर भगवान परशुराम ने उन आताताइयों का वध किया, फिर उनकी संतान हुई फिर उनका वध किया। ऐसे क्रम में 21 बार पृथ्वी को उन क्षत्रियों से विहीन किया, जो बड़े ही दुष्ट प्रवृत्ति के और निर्मम थे।

FIR on bageshwar baba: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि इससे सिद्ध होता है भगवान परशुराम क्षत्रियों के विरोधी नहीं थे। भगवान परशुराम तो पापचारी, अत्याचारी के विरोधी थे। ऐसे आताताई का वध करना अधर्म नहीं है। इसलिए भगवान परशुराम सभी समाज के लिए पूजनीय है। उनका परसा केवल ब्राह्मणों के लिए नहीं उठाया, उनका परसा समस्त चराचर रहने वाले जीवों के कल्याण लिए उठा था। इसलिए भगवान परशुराम केवल एक विशेष जाति समुदाय तक सीमित नहीं है भगवान परशुराम सभी के लिए है और उनकी जो कर्मयोद्धा की नीति है। उस कर्मयोद्धा की नीति को हम सभी को स्वीकार करना चाहिए।

ये भी पढ़ें- पापा शराब मत पियो, इतना सुनते ही पिता ने उठाया खौफनाक कदम, जानकर रह जाएंगे हैरान

ये भी पढ़ें- Online जुआ पर नकेल कसने जा रही सरकार, पब्लिक गैंबलिंग एक्ट का प्रथम ड्राफ्ट हुआ तैयार, जल्द होगा लागू

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें