भोपालः Samvida Karmachari Regularization Latest Update नेताओं के दावों और वादों की सियासत वाली भंवर में फंसे संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों में काम कर रहे संविदा कर्मियों के लिए हाल में एक नया नियम लाया है। यह संविदा कर्मचारियों को काफी फायदेमंद साबित होने वाला है। वैसे तो संविदा कर्मचारियों को कभी भी नौकरी से निकालने का आदेश दे दिया जाता था, लेकिन अब मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं होने वाला है। उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह ही सुविधाएं मिलेंगी। तो चलिए जानते हैं कि क्या खास है इस नए नियम में…
Samvida Karmachari Regularization Latest Update मध्यप्रदेश सरकार की ओर से लाए गए नई संविदा नीति के तहत अब संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिल सकेंगी। यही नहीं संविदा कर्मचारियों का मूल्यांकन हर साल उनके रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा किया जाएगा। और उनकी सेवाएं इस मूल्यांकन पर निर्भर करेंगी। अनुबंध की अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है। इसे केवल एक बार नवीनीकृत किया जा सकता है। नई नीति के तहत यदि किसी कर्मचारी का प्रदर्शन असंतोषजनक है, तो उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है। संविदा कर्मचारियों को अब चिकित्सा अवकाश, अवकाश, और अन्य लाभों के लिए पात्र होंगे जो नियमित कर्मचारियों को मिलते हैं। संविदा कर्मचारियों को केवल तभी बर्खास्त किया जा सकता है जब उनका प्रदर्शन असंतोषजनक हो या वे अनुशासनात्मक कार्रवाई के अधीन हों। संविदा कर्मचारियों का मूल्यांकन हर साल उनके रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा किया जाएगा। यह मूल्यांकन उनकी सेवा अवधि और पदोन्नति के अवसरों को निर्धारित करेगा। संविदा कर्मचारियों का अनुबंध 5 वर्ष तक के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।
Samvida Karmachari Regularization Latest Update अनुबंध की अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दी गई है। इसे केवल एक बार नवीनीकृत किया जा सकता है। नई नीति के तहत यदि किसी कर्मचारी का प्रदर्शन असंतोषजनक है, तो उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है। ऊर्जा विभाग मध्य प्रदेश का पहला विभाग है जिसने नई संविदा नीति लागू की है। नई संविदा नीति मंत्रीमंडल द्वारा 22 जुलाई 2023 को लाई गई थी। एमपी के सामान्य प्रशासन विभाग ने इसे लेकर नीति जारी की। जिसे सभी विभागों में लागू किया जाना था। इसे लेकर जानकारों का कहना है कि यह नई संविदा नीति मध्य प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। यह उन्हें अधिक सुरक्षा और बेहतर कामकाजी परिस्थितियां प्रदान करेगा।