भोपालः Samvida Karamchari Permanent Latest News वैसे तो संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर दावों और वादों की सियासत के भंवर में फंसकर रह जाते हैं, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं की जाती है। हालांकि कई-कई राज्यों की सरकारें इस दिशा में पहल जरूर करती है, लेकिन अंतिम रूप देने में लंबा वक्त लग जाता है। इसी बीच अब मध्यप्रदेश के संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी आई है। बताया जा रहा है कि सरकार उन संविदा कर्मचारियों के ग्रेड-पे में बढ़ोतरी कर सकती है, जिनका वेतन विधानसभा चुनाव के समय समकक्षता निर्धारण में कम हो गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सरकार इस संबंध में तैयारियां शुरू कर दी है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी हो सकते हैं।
Samvida Karamchari Permanent Latest News विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया था। सरकार की ओर से उनका ग्रेड पे नियमित कर्मचारियों के बराबर लाने की घोषणा की थी। इसके लिए समकक्षता का निर्धारण वित्त विभाग की अनुमति से किया गया, जिसको लेकर कर्मचारियों ने आपत्ति उठाई पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसमें कुछ संवर्ग के कर्मचारियों का वेतनमान कम हो गया, जिसको लेकर वे न्यायालय चल गए। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ अन्य विभागों ने कर्मचारियों से पुराने और नए वेतन के अंतर को लेकर जानकारी मांगी है। पूरा मामला कर्मचारी आयोग को अनुशंसा करने के लिए सौंपा जा सकता है।
शिवराज सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए नीति बनाई थी। इसमें यह प्रावधान किया था कि समकक्ष पद का 90 प्रतिशत दिया जाएगा, जिसे बाद में सौ प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही 50 प्रतिशत पद भी आरक्षित कर दिए गए लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं हुआ। चुनाव के समय संविदा कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए समकक्षता निर्धारण की प्रक्रिया शुरू की गई और समिति ने विचार-विमर्श के बाद ग्रेड पे का निर्धारण कर दिया। इसमें डाटा एंट्री ऑपरेटर का ग्रेड पे 2400 से घटाकर 1900 कर दिया गया। इसी तरह सहायक ग्रेड एक और दो, कार्यालय सहायक, सहायक ग्रंथपाल सहित अन्य पद का ग्रेड पे भी 1900 रुपये हो गया।
मनरेगा योजना के डाटा एंट्री आपरेटरों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। पारित आदेश के आधार पर समकक्षता मैट्रिक्स लेवल चार कर दी पर उन्होंने इसे बढ़ाकर मैट्रिक्स लेवल छह करने का अभ्यावेदन दिया, जिसे अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन मनीष रस्तोगी और सचिव वित्त अजीत कुमार की समिति ने अस्वीकार कर दिया।