सागर। Regional Industry Conclave: प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं रोजगार की दृष्टि से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर संभाग स्तर पर हो रहीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की श्रंखला में शुक्रवार को सागर में चौथे रीज़नल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) का सफल आयोजन किया गया। इस कोंक्लेव का उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना और निवेशकों को आकर्षित करना था। समिट के दौरान निवेशकों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश तेज गति से विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की पहल स्वागत योग्य एवं अभिनंदनीय है। निवेशकों ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है, निवेश के लिए सबसे उपयुक्त माहौल मध्यप्रदेश में दिखाई देता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री, डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में सरकार की व्यावसायिक परिवेश को सुदृढ़ करने और संतुलित विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व देश और मध्यप्रदेश आगे बढ रहा है। हम बुंदेलखण्ड के विकास के लिए सुदृढ़ इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रहे हैं। रोजगार के लिए हमने चरणबद्ध रचनाएं बनाई हैं। संभाग स्तर पर ‘Regional Industry Conclave’ का आयोजन कर पूरे प्रदेश को विकास से जोड़ रहे हैं। , “यह रीज़नल इंडस्ट्री कोंक्लेव बुंदेलखंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को प्रेरित करेगा। महत्वपूर्ण निवेशों के साथ, यह पहल न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी, बल्कि आसपास और संबद्ध व्यवसायों की वृद्धि को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे समग्र क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि, सागर में डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए एक बड़ा प्रस्ताव मिला है। प्रदेश में उद्योग व्यवसाय से जुडे़ घराने लगातार सहयोग कर रहे हैं। सागर के बाद रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल में भी रीजनल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बताए गए विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान केंद्रित कर राज्य सरकार उन्हें पूरा करने का प्रयास कर रही है। खासकर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मध्यप्रदेश में तलाशने पर जोर दिया जा रहा है। गरीबों, महिलाओं, किसानों और युवाओं के हित में सभी प्रकार के उद्योग स्थापित करने और रोजगार दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। व्यापार और व्यवसाय के लिए प्रदेश में अनुकूल अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आने वाले 5 साल में राज्य की अर्थव्यवस्था दोगुनी करने का लक्ष्य है, जिसे हम तीन साल में ही पूरा करने का प्रयास करेंगे।
प्रदेश की चौथी समिट की सफलता का ही परिणाम है कि सागर में आयोजित कॉन्क्लेव में लगभग 23181 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिसमें लगभग 27375 रोज़गार सृजित होने की संभावना है। वृहद् श्रेणी की इकाई स्थापित करने हेतु 22241 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए एमएसएमई इकाई स्थापित करने हेतु 940 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस बार की RIC की विशेषता यह है कि मध्यप्रदेश के अनेक क्षेत्रों के साथ बुंदेलखंड क्षेत्र में ही प्रमुखता से लगभग 60 प्रतिशत निवेश प्राप्त हुए जो बुंदेलखंड के चहुमुखी विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा उद्योग संबंधित प्रतिष्ठानों का वर्चुअल उदघाटन/ भूमिपूजन किया गया और निवेशकों को 96 इकाईयों के आशय पत्र जारी किये गये जिनमे 240 एकड़ भूमि आवंटित की गई, जिसमें 1560 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश एवं 5900 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रस्तावित है । साथ ही 26 सितंबर को ‘बुंदेलखंड हैकैथॉन’ के आयोजन अंतर्गत 60 स्टार्टअप द्वारा भाग लिया गया था , जिसमें प्रतिभागी स्टार्टअप में से विजेता प्रथम 05 स्टार्टअप को पुरस्कार राशि, ट्रॉफी तथा प्रशंसा पत्र, माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा प्रदान किए गए। उद्घाटन सत्र उपरांत, निवेशक / उद्योगपतियों हेतु नेटवर्किंग लंच का भी आयोजन किया गया, जिससे औद्योगिक हितधारकों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने का अवसर मिला।
सागर में आयोजित कॉन्क्लेव में 3500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें 6 देशों (मंगोलिया, थाईलैंड, अल्जीरिया, केन्या, कनाडा और ईरान) के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, विदेशी राजनयिक/ मिशन, 150 विशिष्ट अतिथि, 700 से अधिक विशेष आमंत्रित सदस्य और 1000 से अधिक एमएसएमई प्रतिभागी शामिल रहे।
कोंक्लेव का फोकस मुख्यतः पेट्रोकेमिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, पर्यटन, हस्तशिल्प, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण आदि सेक्टर में निवेश पर था। सम्मेलन में विचारों, नवाचारों और निवेशों के आदान-प्रदान का मंच प्रदान किया गया, जहां मध्य प्रदेश को एक तेजी से विकसित होते औद्योगिक केंद्र के रूप में प्रदर्शित किया गया।
इस आयोजन में शामिल हुए सभी उद्योगपतियों को ‘इन्वेस्ट मध्य प्रदेश- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और एडवांटेज एमपी’ के लिए एक वीडियो द्वारा भोपाल में प्रस्तावित समिट में आमंत्रित भी किया गया। प्रदेश के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विभिन्न निवेश अवसरों पर महत्वपूर्ण प्रेसेंटशन दिए, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव, राघवेंद्र कुमार सिंह द्वारा मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश के अवसरों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव, संजय दुबे ने आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम के क्षेत्रों में अवसरों पर प्रकाश डाला, खनिज विभाग के प्रमुख सचिव, संजय कुमार शुक्ला ने खनिज साधन के क्षेत्र में अवसरों पर चर्चा की, एमएसएमई, सचिव, डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने एमएसएमई एवं स्टार्टअप क्षेत्र में अवसरों पर जानकारी दी। इलैयाराजा टी, प्रबंध संचालक ने पर्यटन के क्षेत्र में विभिन्न अवसरों पर चर्चा की। कुटीर उद्योग विभाग के प्रबंध संचालक, मोहित बुन्दस ने कुटीर उद्योग के क्षेत्र में अवसरों पर प्रेजेंटेशन दिया गया।
समिट के दौरान प्रमुख उद्योगपतियों ने अपने अपने अनुभव सांझा किए तथा मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं को जताते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार की सकारत्मक पहल की सराहना करते हुए निवेश के लिए सबसे अच्छे प्रदेश के रूप में मध्यप्रदेश को बताया। इस दौरान सुधीर अग्रवाल, चेयरमैन, सागर ग्रुप, संजय खन्ना, डायरेक्टर एरिफ़ाइनरी भारत पैट्रोलियम कार्पोरेशन मुंबई, सुनील बंसल, एम.डी. बंसल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज़, भोपाल, पंकज ओसवाल, एमडी, मध्य भारत एग्रो ने राज्य के औद्योगिक परिदृश्य और विकास संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
समिट के दौरान कार्यक्रम में चार थीमेटिक / क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए गए, जिनमें एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और संबद्ध क्षेत्रों, और कुटीर उद्योगों में अवसरों पर चर्चा की गई। पहले सत्र में एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में उभरते अवसरों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में नवाचार, वित्तीय सहायता और सरकारी नीतियों पर प्रकाश डाला, जिससे उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी। दूसरे सत्र में कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावनाओं पर चर्चा करते हुए, विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में तकनीकी उन्नति, विपणन रणनीतियों और निर्यात के अवसरों पर जोर दिया। तीसरे सत्र में पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और संबद्ध क्षेत्रों में पर्यावरणीय स्थिरता, नवाचार और निवेश के अवसरों पर विचार-विमर्श किया, जिससे उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा। चौथे सत्र में कुटीर उद्योगों के क्षेत्र में रोजगार सृजन, उत्पादकता बढ़ाने और बाजार तक पहुंच के अवसरों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने कुटीर उद्योगों के विकास के लिए आवश्यक संसाधनों और नीतियों पर जोर दिया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने 20 प्रमुख उद्योगपतियों ने के साथ वन-टू-वन बैठकें कीं, जिनमें ऑयल एण्ड नेच्यूरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) के कार्यकारी संचालक एस के दास, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (BPCL) के कार्यकारी संचालक ए एन श्रीराम, पेसिफिक मेटास्टील के जे पी अग्रवाल, बंसल ग्रुप के प्रमोटर सुनील बंसल, ईज माय ट्रिप के सीईओ मनोज सोनी, डाटा सेंट्रिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नवजोत सिंह संधू, मध्य भारत एग्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज ओत्सवाल, इन्सोलेशन ग्रीन एनर्जी के चेयरमेन मनीष गुप्ता, दारा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर्स के चेयरमेन डॉ. पापू राम बिश्नोई, गोयल ग्रुप के डायरेक्टर सनी गोयल, बारमाल्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रमील जिंदल, सनकाइंड ग्रुप के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर हनीश गुप्ता, फ्लाई ओला के एस राम, सेठिया ग्रुप के डायरेक्टर मनोज जैन सेठिया, असेड्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रोनक चौधरी, अल्पेक्स सोलर लिमिटेड के सीईओ आदित्य सहगल, अवनि परिधि के मैनेजिंग डायरेक्टर अज्ञात गुप्ता, सिग्मा इंजीनियरिंग के मैनेजिंग डायरेक्टर हसन सरदार खान पठान, स्वर्ण भारत स्टील प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अनिल सिंह दांगी, अलिंज़ ग्रुप के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर इंद्र जीत पुर्थी, दलित इंडियन चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (डिक्की) के अध्यक्ष डॉ अनिल सिरवैया, और इण्डस्ट्रीज एण्ड ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ओमकार भाटी शामिल थे।
Regional Industry Conclave: मुख्यमंत्री डॉ यादव ने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अनेकों सौगाते देते हुए कहा कि, सिधगुवा औद्योगिक क्षेत्र, सागर में बैंकिंग कायों हेतु एक बैंक शाखा खोली जाएगी। सिधगुवा औद्योगिक क्षेत्र में बैंक शाखा खुलने से स्थानीय व्यवसायों और निवासियों को वित्तीय सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। औद्योगिक केंद्र सिधगुवा, सागर में नगर निगम द्वारा एक ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा। पानी की समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम सागर के साथ 10 MLD ट्रीटेड पानी का प्रबंध किया जाएगा, जिससे उद्योगों में उपयोग हेतु अभिनव पहल होगी। भारत सरकार द्वारा दिल्ली नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडॉर बनाया जा रहा है, इस कॉरिडॉर के अंतर्गत MPIDC द्वारा सागर जिले के मसवासी ग्राम में 1300 एकड़ भूमि में मेगा इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से सागर एवं आसपास के जिलों के युवाओं के लिए रोजगार सृजन होगा। ODOP यानी एक जिला एक उत्पाद हेतु ODOP नीति बनाई जाएगी। प्रत्येक जिले के एक उत्पाद को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेगे। स्थानीय कौशल और शिल्प को प्रोत्साहन मिलेगा। सूक्ष्म-उद्यमों को बेहतर बाजार पहुंच प्राप्त होगी। विशिष्ट उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर निवेश आकर्षित किया जाएगा। कोलकाता में निवेश संवर्धन हेतु MPIDC का कार्यालय खोला जाएगा। मध्य प्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में बढ़ावा मिलेगा। संभावित निवेशकों को जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। औद्योगिकीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।