सागर: Regional Industry Conclave in Sagar सागर में चौथे रीज़नल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) का सफल आयोजन 27 सितंबर 2024 को किया गया। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना और निवेशकों को आकर्षित करना था। कॉन्क्लेव में 3500 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की, जिनमें 6 देशों (मंगोलिया, थाईलैंड, अल्जीरिया, केन्या, कनाडा और ईरान) के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, विदेशी राजनयिक/ मिशन, 150 विशिष्ट अतिथि, 700 से अधिक विशेष आमंत्रित सदस्य और 1000 से अधिक एमएसएमई प्रतिभागी शामिल थे।
कॉन्क्लेव का फोकस मुख्यतः पेट्रोकेमिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, पर्यटन, हस्तशिल्प, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण आदि सेक्टर में निवेश पर था। सम्मेलन में विचारों, नवाचारों और निवेशों के आदान-प्रदान का मंच प्रदान किया गया, जहां मध्य प्रदेश को एक तेजी से विकसित होते औद्योगिक केंद्र के रूप में प्रदर्शित किया गया।
कॉन्क्लेव का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री डॉ, मोहन यादव और अन्य विशिष्ट अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस आयोजन में शामिल हुए सभी उद्योगपतियों को ‘इन्वेस्ट मध्य प्रदेश- ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और एडवांटेज एमपी’ वीडियो द्वारा भोपाल में प्रस्तावित समिट में आमंत्रित भी किया गया एवं प्रदेश के विभिन्न विभागों द्वारा प्रदेश में निवेश अवसरों पर महत्वपूर्ण प्रेसेंटशन दिए ।
कॉन्क्लेव में, राघवेन्द्र कुमार सिंह, आईएएस, प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग ने बताया कि “माननीय मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के मार्गदर्शन में पिछले चार राष्ट्रीय इंटरेक्टिव सत्रों और राज्य में तीन कॉन्क्लेव के माध्यम से ₹2.22 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए हैं, जिससे अनुमानित 2.73 लाख नौकरियां सृजित होने की संभावना है ।
संजय दुबे, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बताया कि प्रदेश, भारत में एक प्रमुख तकनीकी केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां 2.000 से अधिक आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम इकाइयाँ राज्य में विकसित हो रही हैं। ये इकाइयाँ ₹10.000 करोड़ का टर्नओवर और $500 मिलियन का निर्यात करती हैं, जो प्रदेश और राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान करती हैं।
संजय कुमार शुक्ला, आईएएस, प्रमुख सचिव, खनिज और खनन विभाग ने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र खनिज संसाधनों से समृद्ध है, जिसमें हीरे, ग्रेनाइट, चूना पत्थर आदि के भंडार हैं। विशेष रूप से, भारत के 90% हीरे के भंडार पन्ना, छतरपुर और सतना में स्थित हैं।
डॉ, इलैयाराजा टी, आईएएस, प्रबंध निदेशक, मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने बताया कि मध्य प्रदेश पर्यटन के लिए एक शीर्ष गंतव्य बना हुआ है, 2023 में करोड़ों पर्यटकों को आकर्षित किया। उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद 5 करोड़ से अधिक पर्यटक आए।
डॉ, नवनीत मोहन कोठारी, आईएएस, सचिव, एमएसएमई विभाग ने बताया कि सागर संभाग में 0.91 लाख उद्यम-रजिस्टर्ड एमएसएमई क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि में योगदान दे रहे हैं। इन उद्यमों ने करोड़ों का निवेश आकर्षित किया है, जिससे रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
मोहित बुंदस, आईएएस, प्रबंध निदेशक, मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम ने बताया कि मध्यप्रदेश एक संसाधन-समृद्ध प्रदेश है, जो हथकरघा, चंदेरी और महेश्वरी जैसी वस्त्रों के लिए जाना जाता है, जो निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।
इस सत्र में प्रमुख उद्योगपतियों ने राज्य के औद्योगिक परिदृश्य और विकास संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
सुनील बंसल, प्रबंध निदेशक, बंसल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में रीज़नल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव अभूतपूर्व औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित कर रहे हैं। राज्य के उत्कृष्ट औद्योगिक वातावरण ने कई व्यवसायों की सफलता को बढ़ावा दिया है। बंसल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की राज्य में ₹1.350 करोड़ के निवेश की योजना है, जिसमें चार सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, 100 मेगावाट का सोलर प्लांट और एक होटल शामिल हैं।”
पंकज ओस्तवाल, प्रबंध निदेशक, मध्य भारत एग्रो प्रोडक्ट्स ने कहा, “मध्यप्रदेश सरकार, राज्य में निवेश प्रोत्साहन हेतु निरंतर प्रयास कर रही है, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में आकर्षक प्रोत्साहन और नीतियाँ प्रदान कर रही है। इस मजबूत समर्थन के कारण, ओस्तवाल ग्रुप ने पहले ही ₹2.000 करोड़ का निवेश किया है और भविष्य में भी निवेश करेंगे।”
जे पी अग्रवाल, अध्यक्ष, पैसिफिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कहा, “पैसिफिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड की राज्य में लौह अयस्क खदानें हैं एवं निवाड़ी जिले में एक स्टील प्लांट स्थापित करने की योजना है। बुंदेलखंड क्षेत्र में निवेश से 10.000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँ सृजित होने की उम्मीद है, जो राज्य की दूरदर्शी नीतियों और नेतृत्व से प्रेरित है।”
सुधीर अग्रवाल, अध्यक्ष, सागर ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, भोपाल ने कहा, “मध्यप्रदेश एक विकसित राज्य बनने की राह पर है। माननीय मुख्यमंत्री, डॉ, मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण, राज्य ने विशेष रूप से स्पिंडल उत्पादन में कपड़ा क्षेत्र के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपना स्थान बनाया है। सागर ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज, जो टेक्सटाइल उद्योग पर केंद्रित है, ₹1.300-1.400 करोड़ रुपए के निवेश करने की योजना बना रहा है, जिससे 20.000 रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।”
चेतन्य कुमार कश्यप,मंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग ने कहा “माननीय मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू किए गए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसरों के द्वार खोले है। ये आयोजन, राज्य की समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं, जो सभी क्षेत्रों में विकास को प्रोत्साहित करते हैं और क्षेत्रीय आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देते हैं।”
गोविंद सिंह राजपूत, माननीय मंत्री, राजस्व और परिवहन ने कहा “माननीय मुख्यमंत्री की पहल पर सागर में यह आयोजन, बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक परिदृश्य को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण क्षण है। राज्य के मजबूत समर्थन के साथ, स्थानीय उद्यमियों और बाहरी निवेशकों को उत्कृष्ट अवसर प्रदान किए गए हैं, जिससे क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि और औद्योगिक क्षमता को और अधिक गति मिली है।”
वी.डी, शर्मा, माननीय सांसद ने कहा “बुंदेलखंड हीरे जैसे संसाधनों से समृद्ध है, जो खनन क्षेत्र के लिए प्रमुख अवसर प्रदान करता है। इन प्राकृतिक लाभों के साथ राज्य की दूरदर्शी नीतियां एक जीवंत उद्यमशीलता को पोषित कर रही हैं और क्षेत्र में विकास को बढ़ावा दे रही हैं।“
मुख्यमंत्री, डॉ, मोहन यादव ने कार्यक्रम में विशेष संबोधन दिया, उन्होंने निवेश और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की योजनाओं और दृष्टिकोण का उल्लेख किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की ओर अग्रसर प्रत्येक सम्मेलन और इंटरैक्टिव सत्र राज्य के निवेशकों और प्रमुख हितधारकों के बीच सतत संवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। यह निरंतर दो-तरफा संवाद महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रगति को प्रेरित कर रहा है और विकास के नए अवसर पैदा कर रहा है।”
उन्होंने कहा, “यह रीज़नल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव बुंदेलखंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को प्रेरित करेगा। महत्वपूर्ण निवेशों के साथ, यह पहल न केवल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी, बल्कि आसपास और संबद्ध व्यवसायों की वृद्धि को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे समग्र क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश ने खदान आवंटन के लिए एक पारदर्शी और कुशल प्रक्रिया स्थापित की है, जिसे भारत सरकार से मान्यता प्राप्त है। इस रणनीतिक पहल ने राज्य के बढ़ते खनन क्षेत्र में निवेश के अवसरों को और बढ़ाया है।
उन्होंने यह भी बताया कि “बुंदेलखंड तेजी से विकास के लिए तैयार है, जहां पन्ना, दमोह और छतरपुर में नए सीमेंट संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। बीना औद्योगिक क्षेत्र विभिन्न क्षेत्रों से महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित कर रहा है, जबकि सागर आईटी हब के रूप में उभर रहा है, जहां डेटा सेंटरों में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है।”
मुख्यमंत्री द्वारा उद्योग संबंधित प्रतिष्ठानों का वर्चुअल उदघाटन/ भूमिपूजन किया गया और निवेशकों को 96 इकाईयों के आशय पत्र जारी किये गये जिनमे 240 एकड़ भूमि आवंटित की गई, जिसमें 1560 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश एवं 5900 से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रस्तावित है । साथ ही 26 सितंबर को ‘बुंदेलखंड हैकैथॉन’ के आयोजन अंतर्गत 60 स्टार्टअप द्वारा भाग लिया गया था , जिसमे प्रतिभागी स्टार्टअप में से विजेता प्रथम 05 स्टार्टअप को पुरस्कार राशि, ट्रॉफी तथा प्रशंसा पत्र, मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किए गए। उद्घाटन सत्र उपरांत, निवेशक / उद्योगपतियों हेतु नेटवर्किंग लंच का भी आयोजन किया गया, जिससे औद्योगिक हितधारकों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने का अवसर मिला।
प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आयोजित राउंडटेबल बैठक में उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया और नर्मदापुरम के मोहासा-बाबई में 255 एकड़ भूमि पर स्थापित मैन्युफैक्चरिंग जोन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। बैठक का मुख्य उद्देश्य नर्मदापुरम में नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करना था।
इसके साथ ही, क्षेत्र में नवाचार और आर्थिक विकास को गति देने के तरीकों की खोज भी की गई। प्रतिभागियों ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की और इस पहल को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव और विचार साझा किए। इस बैठक ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नए निवेश और विकास के अवसरों को उजागर किया और उद्योग जगत को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल एवं टेक्निकल टेक्सटाइल के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से आयोजित राउंडटेबल बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया और विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। बैठक के दौरान, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत राज्य शासन द्वारा स्थापित PM MITRA Park की जानकारी भी साझा की गई। इस पार्क का उद्देश्य औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना और टेक्सटाइल क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इस पहल की सराहना की और इसे राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। बैठक में विभिन्न सुझाव और विचार प्रस्तुत किए गए, जिनसे भविष्य में टेक्सटाइल उद्योग को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
कार्यक्रम में चार थीमेटिक / क्षेत्रीय सत्र आयोजित किए गए, जिनमें एमएसएमई एवं स्टार्ट-अप्स, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और संबद्ध क्षेत्रों, और कुटीर उद्योगों में अवसरों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम में चार प्रमुख थीमेटिक और क्षेत्रीय सत्रों का आयोजन किया गया। पहले सत्र में एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में उभरते अवसरों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में नवाचार, वित्तीय सहायता और सरकारी नीतियों पर प्रकाश डाला, जिससे उद्यमियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
दूसरे सत्र में कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावनाओं पर चर्चा करते हुए, विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में तकनीकी उन्नति, विपणन और निर्यात के अवसरों पर जोर दिया। इस सत्र ने किसानों और उद्यमियों को नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की।
तीसरे सत्र में पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और संबद्ध क्षेत्रों में विकास के अवसरों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में नवाचार और निवेश के अवसरों पर विचार-विमर्श किया, जिससे उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
चौथे सत्र में कुटीर उद्योगों के क्षेत्र में रोजगार सृजन, उत्पादकता बढ़ाने और बाजार तक पहुंच के अवसरों पर चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने कुटीर उद्योगों के विकास के लिए आवश्यक संसाधनों और नीतियों पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में करीब 20 प्रमुख उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री के साथ वन-टू-वन बैठकें कीं, जिनमें ऑयल एण्ड नेच्यूरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) के कार्यकारी संचालक एस के दास, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि, (BPCL) के कार्यकारी संचालक ए एन श्रीराम, पेसिफिक मेटास्टील के जे पी अग्रवाल, बंसल ग्रुप के प्रमोटर सुनील बंसल, ईज माय ट्रिप के सीईओ मनोज सोनी, डाटा सेंट्रिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नवजोत सिंह संधू, मध्य भारत एग्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज ओत्सवाल, इन्सोलेशन ग्रीन एनर्जी के चेयरमेन मनीष गुप्ता आदि शामिल थे।
इसके अतिरिक्त, इस आयोजन में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) कार्यशाला, ओडीओपी प्रदर्शनी एवं बायर-सेलर मीटिंग भी आयोजित की गई थी, जिसके द्वारा स्थानीय उद्यमियों और व्यवसायों को अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने का अवसर मिला।
कार्यक्रम में 40 से अधिक विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें एमपीआईडीसी, एमपीएसईडीसी, डीजीएफटी, एमपी टूरिज्म, एफआईईओ, एमपीएचएसवीएन, डीआईसीसीआई, एमपी एमएसएमई, एपीडा और बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे विभाग शामिल थे, जो जी2सी (सरकार से नागरिक) संवाद को बढ़ावा देने में सहायक रहे।
कॉन्क्लेव में, कुल लगभग 23.181 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिसमे लगभग 27.375 रोज़गार सृजित होने की संभावना है (जिसमे से वृहद् श्रेणी की इकाई स्थापित करने हेतु 22.241 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए एवं एमएसएमई इकाई स्थापित करने हेतु 940 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए ।
एम, पी, इंडस्ट्रियल डेव्लपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआईडीसी) ने, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत सिंगल विंडो सचिवालय के रूप में, सम्मेलन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम ने मध्यप्रदेश की औद्योगिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाया, जो “विकसित मध्य प्रदेश” के लक्ष्य के अनुरूप है।
Press Brief and HCM Ghosna by Anil Shukla on Scribd
1900 Live WITH TABLE हिन्दी 2709 Post-event Press Release- RIC Sagar by Anil Shukla on Scribd