रिपोर्ट- नवीन कुमार सिंह, भोपाल: Loudspeaker Controversey Bhopal मध्य प्रदेश की बात में आज लाउडस्पीकर पर बवाल और भक्ति पर फिर उठ रहे सवाल की होगी। आज आईबीसी-24 दोनों दलों से सीधे-सीधे जानना चाहत है कि लाउडस्पीकर राजनीतिक है या धर्मिक है। सीधे-सीधे कहे तो लाउडस्पीकर कहां-कहां लगना चाहिए और कहां कहां नहीं, दोनों दलों को आज ये क्लीयर कर देना होगा। क्योंकि कोई कहता है लाउडस्पीकर पर रामायण भी होती है और हनुमान चालीसा भी, तो कोई कहता है वो फर्जी राम भक्त हैं। तो कोई कहने लगता है कि यहां वो विदेशी संस्कृति थोपना चाहते हैं।
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Ruckus again over loudspeaker नेता प्रतिपक्ष बनते ही डॉ गोविंद सिंह ने लाउडस्पीकर पर मचे घमासान पर अपनी बात रखी है, उन्होंने कहा कि हम भी तो लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा और रामायण का पाठ पढ़ते हैं। यानी लाउडस्पीकर पर कांग्रेस ने अपना एंजेडा क्लीयर कर दिया है। आईबीसी24 के सवाल पर कमलनाथ ने लाउडस्पीकर वाले बयान पर ये कहा कि लाऊडस्पीकर भड़काने वाला है या नहीं हैं। देखना ये चाहिए।
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जाहिर है लाउडस्पीकर विवाद को लेकर बीजेपी फ्रंट फुट पर है। बीजेपी की कोशिश है कि जिस तरह उत्तरप्रदेश में मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाए गए हैं। ठीक ऐसा ही मध्यप्रदेश में भी हो, बीजेपी के फायर ब्रांड नेता रामेश्वर शर्मा से लेकर भगवा ब्रिगेड भी कुछ इसी कोशिश मे है। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के बयान के जरिए कांग्रेस को दिवालिया बताया है।
एक ओर बीजेपी लाउडस्पीकर पर कांग्रेस पर निशाना साध रही है, तो दूसरी ओर दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर हमलावर हैं। दरअसल दिग्वजिय सिंह ने ट्वीट किया कि बीजेपी नेता राम नाम जपने के बजाय मेरा नाम ज्यादा जपते है। हालंकि दिग्विजय सिंह के ट्वीट को विश्वास सांरग ने उनका फ्रस्ट्रेशन बताया।
बहरहाल प्रदेश में लाऊडस्पीकर पर गरमाई राजनीति, फ्रस्टेशन, फर्जी भक्त तक पहंच गई है।
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