भोपाल: Mohan Bhagwat administered oath RSS प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर मिशन घऱ वापसी का राग छेड़ा है। चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ के मंच से संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदू धर्म छोड़ चुके लोगों की धर्म वापसी कराई जाएगी। इसके लिए बकायदा उन्होंने शपथ भी दिलाई। हिंदुओं की घर वापसी पर संघ प्रमुख के बयान पर सियासी हलचल भी तेज है। बीजेपी नेता इसका समर्थन कर रहे हैं, तो कांग्रेस सवाल खड़ा कर रही है।
Mohan Bhagwat administered oath यूपी चुनाव से ठीक पहले चित्रकूट में आयोजित हिंदू एकता महाकुंभ में मोहन भागवत ने न केवल हिन्दू धर्म छोड़कर जा चुके लोगों की घर वापसी की बात कही बल्कि इसके लिए लोगो को शपथ भी दिलाई। ”’मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिंदू भाई को हिंदू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा, जो भाई हिंदू धर्म छोड़कर चले गए, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिंदू बहनों के सम्मान एवं शील की रक्षा के लिए मैं सर्वस्व अर्पण करूंगा। मैं जाति वर्ग, भाषा, पंथ के भेदभावों से ऊपर उठकर अपने हिंदू समाज को समरस, सशक्त और अभेद्य बनाने के लिए पूरी शक्ति से काम करूंगा।,
चित्रकूट में चल रहे तीन दिवसीय हिन्दू एकता महाकुंभ में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्दू धर्म छोड़ने वालों की घर वापसी का आह्वान किया और महाकुंभ में शामिल हो रहे लोगों को इसके लिए संकल्प भी दिलाया। मोहन भागवत के इस बयान और अभियान का बीजेपी नेता समर्थन में आ गए हैं। इधर कांग्रेस संघ प्रमुख के बयान पर सवाल खड़े कर रही है। यूपी चुनाव से पहले इस आयोजन और भागवत के बयान के बहाने एक बार फिर संघ पर हमला बोला है।
जाहिर है यूपी चुनाव से पहले हिन्दुत्व कार्ड खुलकर खेला जा रहा है। बीजेपी, कांग्रेस और दूसरी सियासी दल हिन्दुत्व की अपने-अपने तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। इस बीच चित्रकूट में हिन्दू एकता महाकुंभ के मंच से मोहन भागवत के बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अब सवाल ये है कि संघ प्रमुख का ये आह्वान कितना रंग लाता है? बहरहाल मोहन भागवत के बयान से ये तो साफ़ हो गया है कि राममंदिर और काशी विश्वनाथ के बाद उत्तर प्रदेश के साथ आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हिंदुत्व का एजेंडा एक बड़ा सियासी मुद्दा रहने वाला है।