Reported By: Rajeev Rajeev Pandey
,Fake Doctor in Hospital : रीवा। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से आज एक चौका देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक फर्जी डॉक्टर को लोगो ने उस वक्त दबोच लिया। जब वह गले में स्टेथोस्कोप को डालकर वार्डों में जाकर बारी बारी से मारीजों की जांच कर रहा था। उसी दौरान वहां पर मौजूद लोगो को आशंका हुई तो उन्होंने उसे पकड़ लिया। पूछताछ करने पर वह ठीक से जवाब नहीं दे पाया। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी गई। मौके पर आला अधिकारी पहुंचे और जब पकड़े गए युवक से उसके विभाग के बारे में पूछा गया तो वह किसी भी तरह का जवाब नही दे पाया। वहीं मौके पर मौजूद संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा भी फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई करवाने के बजाय जांच करने की बात कही।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मिला फर्जी डॉक्टर रीवा शहर में संचालित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सोमवार को एक फर्जी चिकित्सक के पकड़े जाने की घटना से हड़कंप मच गया। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पिछ्ले 3 माह से एक युवक स्टेथोस्कोप गले में डालकर मरीजो की जांच कर रहा था। इसी दौरान अस्पताल में उपस्थिति अन्य लोगो के अलावा एक सुरक्षा गार्ड को उसपर आशंका हुई और उन्होंने ने उसे पकड़कर पूछताछ की। पूछताछ करने पर वह ठीक तरीके से जवाब नही दे पाया। जिसके बाद लोगों अस्पताल प्रबन्धन को इसकी सूचना दे दी। गले में स्टेथोस्कोप डालकर कर रहा था मरीजों की जांच सूचना मिलते ही संजयगांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और पकड़े गए फर्जी डॉक्टर से पूछताछ की।
पकड़े गए युवक से जब उसके विभाग के बारे में पूछा गया तो वह कुछ बी बता पाने असमर्थ दिखाई दिया जिससे प्रतीत हुआ की पकड़ा गया युवक फर्जी डॉक्टर है जो गले में स्टेथोस्कोप लगाकर बकायदा मरीजों की जांच पड़ताल कर रहा था। युवक को उपचार करने का चढ़ा शौक बताया गया की फर्जी चिकित्सक बनकर अस्पताल आया युवक पिछले तीन माह से लगातार मरीजों की जांच कर रहा था। युवक श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पदस्य कर्मचारी विनोद तिवारी का बेटा बताया जा रहा है जो की स्पोर्ट्स ऑफिसर के पद पर थे। वर्तमान में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के सिटी स्कैन में उसकी ड्यूटी लगाई गई है। उसे उपचार करने का इतना शौक चढ़ा की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ही स्टेथोस्कोप लगा कर पहुंचा और मरीज देखने लगा। फर्जी डॉक्टर से हुई पूछताछ तो जवाब नही दे पाया।
जानकारी दी गई की पकड़ा गया युवक उन डॉक्टरों के चेंबर में बैठता था जो खाली रहते रहते थे और वहीं बैठकर वह मरीजो की जांच करता था और दवाइयां भी लिखता था। हालांकि छात्र से कई बार पूछने पर उसने अपना नाम नहीं बताया लेकिन अस्पताल प्रबंधन और अन्य स्टाफ की माने तो वह अस्पताल के ही कर्मचारी विनोद तिवारी का बेटा है। अधीक्षक बोले छात्र ट्रेनिंग पीरियड में है।
हालांकि पूरे मामले में संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा का कहना है की युवक रेडियाग्राफर का डिपलोमा का जो कोर्स होता है उसके तहत वह ट्रेनिग पीरियड में है। अगर उसके द्वारा वॉर्ड में जाकर मरीजों की जांच की गई है तो उसकी जांच कराई जाएगी। हालांकि पुलिस की कर्रवाई से अधीक्षक ने इनकार कर दिया उनका कहना है की यह विभाग का मामला है पहले हमारे द्वारा विभागीय जांच की जाएगी इसके बाद अन्य कार्रवाई होगी।
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