Reservation process in Madhya Pradesh : भोपाल । कांग्रेस और बीजेपी ओबीसी आरक्षण का क्रेडिट लेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं। दोनों एक दूसरे को ओबीसी समुदाय का दुश्मन और खुद को सबसे बड़ा हितैषी साबित करने की होड़ में हैं। निकाय और पंचायत चुनावों के लिए भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में आरक्षण की तस्वीर साफ हो गई। प्रशासन ने SC के आदेशों को ध्यान में रखते हुए सूची तैयार की है।
Read more : कांग्रेस विधायक की कार ने 3 लोगों को मारी टक्कर, तीनों की हालत गंभीर
इसमें इस बात का ध्यान रखा गया है कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से ऊपर न जाए। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस आरक्षण की तस्वीर साफ होने से पहले ही 23 के सेमीफाइनल में अपनी ताकत का आकलन करने में जुट गई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पंचायत और निकाय चुनाव को 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लिटमस टेस्ट के तौर पर देख रहे है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने चुनाव संचालन और चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक कर चुनावी तैयारी शुरू भी कर दी है।
दूसरी ओर निकाय और पंचायत चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल मानते हुए कांग्रेस हर हाल में जीत तय करने की रणनीति बनाने में जुट गई है। महज 15 महीने में प्रदेश की सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस के लिए ये चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। कांग्रेस अधिक से अधिक निकाय और जिला पंचायतो पर कब्जा कर विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी के सामने सत्ता विरोधी लहर का मुद्दा गर्माना चाहती है ताकि 2023 के चुनाव में उसे मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल सके। नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए स्थानीय संगठन को जिम्मेदारी दी है।
Read more : बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ की बैठक, मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर की चर्चा
प्रदेश के 407 नगरीय निकाय जिनमें 16 नगर निगम 99 नगर पालिका और 292 नगर परिषद में चुनाव होने हैं। वहीं 23 हजार से अधिक ग्राम पंचायत,313 जनपद और 52 जिला पंचायत में चुनाव होने है। राज्य निर्वाचन आयोग चुनावी अधिसूचना किसी भी वक्त जारी कर सकता है। हालांकि महापौर और अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष होने या अप्रत्यक्ष इसपर अभी भी सस्पेंस बना हैं। पंचायत और नगरीय निकाय के ऐसे चुनाव है जिनमें राज्य के ग्रामीण और शहरी दोनों हिस्सों के मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करते है, कुल मिलाकर इसे विधानसभा चुनाव से पहले का लिटमस टेस्ट भी कहा जा रहा है। इन चुनावों के नतीजों से राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी माहौल बनना तय है।