भोपाल। MP Gehu Kharidi Registration 2025 : गेहूँ खरीदी के लिये किसानों का ऑनलाइन पंजीयन आगामी 20 जनवरी सोमवार से शुरू होगा। गेहूँ खरीदी के लिये 4 हजार उपार्जन केन्द्र बनाये जायेंगे। गत वर्ष 3800 उपार्जन केन्द्र बनाये गये थे। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने यह जानकारी केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दी। केन्द्रीय मंत्री जोशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गेहूँ उपार्जन की तैयारियों की राज्यवार समीक्षा कर रहे थे।
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केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता लायें। किसानों को गेहूँ उपार्जन के बाद जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करें। रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू करें। उन्होंने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल में जिम्मेदार लोगों की ड्यूटी लगायें।
खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा कि प्रदेश में इस वर्ष उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ की मेकेनाइज्ड क्लीनिंग के लिये मशीन लगाने का प्रस्ताव है। इससे खराब गेहूँ की खरीदी रुकेगी। उन्होंने समितियों को दिये जाने वाले कमीशन की राशि बढ़ाने की बात कही। मंत्री राजपूत ने गेहूँ और चावल के द्वितीय त्रैमास के प्रावधानित अनुदान देयक एवं फोर्टिफाइड राइस आदि मदों की लंबित राशि शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने बताया कि उपार्जन के संबंध में उत्तर प्रदेश में की जा रही कार्रवाई के अध्ययन के लिये एक टीम लखनऊ भेजी जा रही है। इस दौरान आयुक्त खाद्य सिबि चक्रवर्ती सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
किसान स्वयं के मोबाईल से एम.पी. किसान एप के माध्यम से घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे। पंजीयन की निःशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर, तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र पर सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र और एम.पी. किसान एप पर भी की गई है।
पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरीफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाईल नंबर पर प्राप्त OTP से या बायोमेट्रिक डिवाईस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही उक्त पंजीयन मान्य होगा।
विगत रबी एवं खरीफ के पंजीयन में जिन किसानों के मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं, उन्हें एसएमएस से सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं। गांव में डोडी पिटवाकर ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर पंजीयन सूचना प्रदर्शित कराने तथा समिति/ मंडी स्तर पर बैनर लगवाने के निर्देश भी दिये गये हैं। किसान पंजीयन की सभी प्रक्रियाएँ समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये हैं।