Bilkis Bano Case on Vivek Tankha : नई दिल्ली। गुजरात के बिलकिस बानो गैंगरेप केस में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है। सुप्रीत कोर्ट ने इस केस की सुनवाई करते हुए पहले तो गुजरात सरकार को जमकर फटकार लगाई और फिर राज्य सरकार के जल्द रिहाई वाले फैसले को पलट के रख दिया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कह कि वह इस तरह के निर्णय लेने के लिए सक्षम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कदम को ‘फ्रॉड एक्ट’ करार दिया और कहा कि दोषियों को 2 सप्ताह के अंदर सरेंडर करना होगा। बता दें कि गुजरात सरकार ने पिछले साल मामले में 11 दोषियों को रिहा किया था। अब कोर्ट के फैसले के बाद सभी 11 दोषियों को वापस जेल जाना होगा।
Bilkis Bano Case on Vivek Tankha : बिलकिस बानो गैंगरेप केस में जो सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को बदला है। सभी 11 दोषियों को फिर से जेल जाना होगा। उस पर वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद का कहना है कि ये सिर्फ न्याय नहीं है बल्कि नारी सम्मान की जीत भी है। हमारा देश रेपिस्ट्स की रिहाई पर जश्न से शर्मसार हुआ था। सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त करना हूं जिसने नारी का सम्मान बनाए रखा है।
SC decision in #bilkisbanucase directing the rapists back to jail , who with full arrogance were released prematurely , is a victory of #indianwomenhood. The world was ashamed when some ppl celebrated the illegal release of these demented rapists.Thank you #supremecourt pic.twitter.com/kaDTdLqbKe
— Vivek Tankha (@VTankha) January 8, 2024
बता दें कि ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस बीवी नागरथाना और उज्जल भुइयां की बेंच ने ये बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 11 दोषियों को जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो द्वारा दायर याचिका वैध है। इतना ही नहीं SC ने पहले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार से कहा था कि राज्य सरकारों को दोषियों को सजा में छूट देने में ‘चयनात्मक रवैया’ नहीं अपनाना चाहिए और प्रत्येक कैदी को सुधार तथा समाज के साथ फिर से जुड़ने का अवसर दिया जाना चाहिए।
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