ग्वालियर: Gwalior missing girls News चंबल इलाके में बच्चियों, युवतियों और महिलाओं की गुमशुदगी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। RTI से मिली जानकारी में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
process of missing girls ग्वालियर-चंबल में गुमशुदगी के आंकड़ों ने एक बार फिर से सबकों चौंका दिया है। RTI से मिली जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान गुमशुदगी के ज्यादा मामले सामने आए। पिछले 5 साल में ग्वालियर में गुमशुदगी के मामलों पर नजर डालें तो साल 2016 में 490 महिलाएं, 2017 में 684 महिलाएं, साल 2018 में 776 महिलाओं के लापता होने की जानकारी सामने आई। साल 2019 में कोरोना के चलते देश भर में लॉकडाउन हुआ। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि इस दौरान गुमशुदगी के आंकड़े कम नहीं हुए। साल 2019 में 836 तो साल 2020 में 747 महिलाओं के लापता होने के मामले सामने आए।
लापता होने वालों में कमजोर परिवारों की महिलाएं और लड़कियां ज्यादा है। उनके परिजनों का कहना है कि पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली लेकिन सालों बाद भी कोई नहीं जानकारी नहीं मिली। ग्वालियर में पिछले 5 साल में जिले से 3,680 महिलाएं, 656 युवक और 1114 युवतियां लापता हो चुकी हैं। इधर ग्वालियर SP का दावा है कि गुमशुदा लोगों की तलाश में ग्वालियर जिला, मध्यप्रदेश में सबसे आगे है। पुलिस के मुताबिक गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए फील्ड स्तर पर तलाश के अलावा पुलिस विभाग की बेवसाइट पर प्रचार के जरियों से भी प्रयास किए जाते हैं। जिले में मानव तस्करी करने वालों के गिरोह के पकड़े जाने के बाद ह्यूमन ट्रैफिकिंग की आंशका से भी इसे जोड़कर देखा जा रहा है।
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