भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। सदन में दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रश्नकाल शुरू होते ही सदन में हंगामा देखने को मिला। खरगापुर से कांग्रेस विधायक चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने सांझा चूल्हा योजना के अंतर्गत पोषण आहार वितरण का मुद्दा उठाया।
Read More: MP Crime News : बाघ का शिकार करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तारी, तार और उपकरण किए गए बरामद
इस दौरान विधायक ने सदन में आरोप लगाया कि आंगनबाड़ियों में भोजन का काम बीजेपी लोगों को दिया जा रहा है। पात्र होने पर भी कांग्रेस के लोगों को नहीं दिया जा रहा है। उनके इस सवाल का जवाब महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने दिया है। उन्होंने कहा कि सभी पात्रों को काम दिया जा रहा है।
भाजपा विधायक कंचन मुकेश तनवें ने कहा कि प्रदेश में पिछले 5 सालों में 194 आंगनबाड़ी केंद्र 4320 आंगनबाड़ी स्वीकृत हुए और सिर्फ 1399 भवन बने हैं। महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने सदन में लिखित जानकारी देते हुए बताया प्रदेश में 34143 से अधिक आंगनवाड़ी भवन के अभाव में 4044 से अधिक जर्जर स्थिति में है। भवन विहीन और जर्जर आंगनवाड़ी सरकारी भवन और स्कूलों में किराए से संचालित किए जा रहे हैं।
1. मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन क्या हुआ?
मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने सांझा चूल्हा योजना के अंतर्गत आहार वितरण के मुद्दे को उठाया और बीजेपी पर आरोप लगाए कि आंगनबाड़ियों में भोजन का काम बीजेपी को दिया जा रहा है, जबकि कांग्रेस के लोगों को यह काम नहीं दिया जा रहा।
2. चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने सदन में क्या आरोप लगाए?
विधायक चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने आरोप लगाया कि आंगनबाड़ियों में भोजन का काम बीजेपी के लोगों को दिया जा रहा है, जबकि कांग्रेस के पात्र लोगों को यह काम नहीं दिया जा रहा।
3. महिला बाल विकास मंत्री ने इस मुद्दे पर क्या जवाब दिया?
महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि सभी पात्र व्यक्तियों को काम दिया जा रहा है और कोई भी भेदभाव नहीं किया जा रहा है।
4. इस मामले में विधानसभा में और क्या चर्चा हुई?
इस मामले में हंगामे के बाद मंत्री निर्मला भूरिया ने अपनी सफाई दी और आरोपों को नकारते हुए सभी को समान रूप से काम देने का दावा किया।
5. मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में और कौन-कौन से मुद्दे उठाए गए हैं?
शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही है, जिनमें सरकार की योजनाएं, जनकल्याणकारी कार्य, और विपक्षी दलों के आरोप शामिल हैं।