विकास और निर्माणकार्य के लिए करीब 200 से अधिक पेंड़ों की बलि देने की तैयारी, विरोध में उतरे पर्यावरणविद

विकास और निर्माणकार्य के लिए करीब 200 से अधिक पेंड़ों की बलि देने की तैयारी! Prepare to Cut More than 200 Trees for Development

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  • Publish Date - May 24, 2022 / 12:11 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

ग्वालियर: Cut More than 200 Trees शहर के विकास और निर्माणकार्य के लिए करीब 213 पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही है। हालांकि इन पेड़ों के बदले नए जगह पर पेड़ लगाने के दावे भी किए जा रहे हैं लेकिन विकास के नाम पर पेड़ों की बलि देने पर पर्यावरणविद विरोध कर रहे हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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200 से अधिक पेंड़ों की बलि देने की तैयारी

Cut More than 200 Trees ग्वालियर के रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर पुनर्विकासित करने की योजना में 441 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी की जा रही है। लेकिन स्टेशन के कायाकल्प के लिए इलाके के करीब 213 पेड़ों को काटा जाएगा। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के पास ही ठाठीपुर की योजना में भी 79 पेड़ों को काटने और 329 पेड़ों की शिफ्टिंग की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए नगर निगम ने मंजूरी भी दे दी है।

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1 जून से टेंडर प्रक्रिया होगी शुरू

1 जून से टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी, फिर निर्माण के लिए ड्राइंग एंड डिजाइन की मंजूरी ली जाएगी। इधर नगर निगम से पेड़ काटने के लिए मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे पेड़ 4 से 5 माह के अंदर कटना शुरू हो जाएंगे। रेलवे का कहना है कि वो इन पेड़ों के बदले नगर निगम के निर्देश पर चिह्नित किए गए स्थान पर 10 गुना अधिक पौधे लगाएगी..तो कांग्रेस और पर्यावरणविद पेड़ों के काटने का विरोध कर रहे हैं। जबकि BJP सांसद का कहना है कि शहर के विकास के लिए ये तो करना ही पड़ेगा।

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रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज विकसित करने की योजना

ग्वालियर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज विकसित करने की योजना के तहत एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग गेट होंगे। इसके अलावा यात्रियों के आने-जाने के लिए 21 लिफ्ट और 19 एस्केलेटर लगाए जाएंगे जो सभी कॉनकोर्स एरिया और प्लेटफार्म से कनेक्ट रहेंगे। इसके अलावा 2 रेलवे प्लेटफॉर्म भी बढ़ जाएंगे। रेलवे स्टेशन के विकास से लोगों को सहूलियत तो होगी लेकिन अगर दावे के मुताबिक रेलवे 10 गुना अधिक पौधे लगाने और उसे बचाने में सफल हो जाता है तो यही सही मायने में विकास कहलाएगा।

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