भोपाल। Ujjain Simhastha Kumbh Mela 2028 : सिंहस्थ-2028 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में उज्जैन और इंदौर संभाग गतिविधियों के मुख्य केंद्र रहेंगे। इन संभागों में 2 ज्योतिर्लिंग होने से श्रद्धालुओं का आवागमन तथा धार्मिक गतिविधियां तुलनात्मक रूप से अधिक होंगी। इंदौर-उज्जैन संभाग में जारी विभिन्न विभागों के कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों, यह मॉनिटरिंग प्रत्येक 15 दिन में सुनिश्चित करें। सक्षम स्तर के अधिकारी बैठक कर, कार्यों की प्रगति की समीक्षा करें।
Ujjain Simhastha Kumbh Mela 2028 : ऐसे विषय जिन में उच्च स्तर से समन्वय या मार्गदर्शन आवश्यक है, वे विषय राज्य शासन के संज्ञान में लाए जाएं। निर्माण एजेंसियों को सौंपे गए कार्यों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर विलंब के कारणों का तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय भोपाल में हुई सिंहस्थ-2028 की मंत्रि-मंडलीय समिति की द्वितीय बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अधोसंरचना से संबंधित जिन कार्यों के निर्माण में अधिक समय लगना है, उन सब की मंत्रि-मंडलीय समिति से स्वीकृति प्राप्त करने और निविदा प्रक्रिया पूर्ण करने का कार्य मार्च-2025 तक कर लिया जाए। जल प्रदाय, सीवरेज के कार्य तत्काल आरंभ किए जाएं। इसके साथ ही उज्जैन तथा इंदौर जिलों में बस अड्डों की क्षमता वृद्धि या नवीन बस अड्डों के विकास की कार्य योजना भी मार्च-2025 तक तैयार की जाए। सिंहस्थ-2028 के लिए समस्त विभागों के अधोसंरचनात्मक कार्यों की कार्य-योजना को सितंबर-2025 तक अंतिम रूप दिया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 की व्यवस्थाओं को श्रेष्ठतम स्वरूप देने के लिए प्रयागराज कुंभ के साथ ही हरिद्वार कुंभ मॉडल का अध्ययन भी किया जाएगा। प्रयागराज कुंभ पूर्ण होने के बाद वहां क्रॉउड मैनेजमेंट, ड्रोन सर्वे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग तथा अन्य गतिविधियों में लगी कंपनियों व स्टार्ट-अप का उज्जैन में सम्मेलन आयोजित कर वहां की बेस्ट प्रैक्टिसेस का क्रियान्वयन सिंहस्थ-2028 में करने की कार्य योजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रद्धालुओं के आवागमन में सुगमता के लिए रेलवे से समन्वय के उद्देश्य से विशेष सेल गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घाटों तक श्रद्धालुओं के आसानी से आवागमन के लिए उपयुक्त पहुंच मार्ग विकसित किए जाएं। उज्जैन, इंदौर और देवास में होने वाले निर्माण कार्यों में सीवरेज, स्वच्छता और हरियाली का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से धर्मशालाओं के उन्नयन के लिए भी कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 को देखते हुए, आवश्यकतानुसार विभागों में प्रशासकीय संरचनाओं का विस्तार तत्काल किया जाए।
सिंहस्थ-2028 उज्जैन में होने वाला एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है। यह आयोजन कुंभ मेला का हिस्सा होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार, सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए प्रमुख तैयारियों में अधोसंरचना के कार्यों का विकास, जल आपूर्ति, सीवरेज, बस अड्डों का निर्माण और श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए रेलवे से समन्वय स्थापित करने के लिए विशेष सेल गठित किया जाएगा, ताकि यात्रियों को उचित मार्गदर्शन और सुविधाएं मिल सकें।
हाँ, सिंहस्थ-2028 की व्यवस्थाओं को श्रेष्ठतम बनाने के लिए प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ के अनुभवों का अध्ययन किया जाएगा और उनके बेस्ट प्रैक्टिसेस को उज्जैन में लागू किया जाएगा।
उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए प्रमुख कार्यों में जल आपूर्ति, सीवरेज व्यवस्था, श्रद्धालुओं के लिए पहुंच मार्ग, धर्मशालाओं का उन्नयन और बस अड्डों का निर्माण किया जा रहा है।