Death of tigers in MP : भोपाल। मध्यप्रदेश में हुई बाघों की मौत मामले में शिकार की आशंका जताई जा रही है। बांधवगढ़ में बाघों की मौत के बाद वन विभाग अलर्ट है। बांधवगढ़ पार्क में पिछले 3 साल में 34 और सामान्य वन मंडल में 9 बाघ की मौत की जांच होगी। मौत के पीछे विदेशी फंडिंग की अब पुलिस से जांच करवाई जाएगी। वन विभाग ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत पर रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसमें टाइगर रिजर्व के डॉक्टर को दोषी बताया गया है, लेकिन वहां अलग-अलग समय में पदस्थ रहे फील्ड डायरेक्टरों को लेकर कोई बात नहीं की गई और न ही उन्हें दोषी माना गया है। इनमें से कई तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
– 2021 में बांधवगढ़ में 12 बाघों की मौत
– 2022 में बांधवगढ़ में 09 बाघों की मौत
– 2023 में बांधवगढ़ में 13 बाघों की मौत
चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2024 में देश में 86 बाघों की मौत हुई, जबकि मप्र में बाघों की मौत का आंकड़ा 30 है। आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि बांधवगढ़ में शिकारियों का बोलबाला है। बाघों की मौत और हत्या के मामले चिंताजनक हैं। कई बाघों की मौत के बाद पोस्टमार्टम न कराना संदेश को आगे बढ़ा रहा है। वन विभाग को रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने बाघों के अंगों की तस्करी के लिए शिकार किए जाने का संदेह जताया और इसमें वन विभाग की संलिप्तता बताई।
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