‘Rudraksh Mahotsav (रिपोर्ट- नवीन कुमार सिंह) भोपालः सीहोर में लगातार दूसरे साल 7 दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होना था। शिव महापुराण कथा और इन 7 दिनों में 11 लाख से अधिक रुद्राक्ष बांटे जाने थे। लेकिन पहले ही दिन 3 लाख लोग पहुंच गए। अफरा-तफरी मच गई। भोपाल-इंदौर हाईवे पर 25 किमी लंबा जाम लग गया। जिसके बाद रूद्राक्ष महोत्सव के निरस्त होने की खबर आई तो इसे लेकर सियासत शुरू हो गई। कांग्रेस पूरी घटना के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार पर सवाल दाग रही है। जवाब में सत्ता पक्ष भी पलटवार कर रहा है।
‘Rudraksh Mahotsav सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव का स्थगित होना सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। सरकार पर विपक्ष तो हमलावर है ही, बीजेपी नेता भी इसे लेकर सरकार से सवाल पूछने लगे हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम को पत्र लिखा कि 17 साल से आप इस प्रदेश के मुखिया हैं। आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा। श्रद्धालु भी लगातार सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा दिखा रहे हैं। सबका एक ही सवाल है कि आयोजन के बारे में सीहोर जिला प्रशासन को महीनेभर पहले ही पता था। एक हफ्ते में 15 लाख लोग आने वाले थे। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि इसे रोकने के लिए सीहोर प्रशासन ने पंडित प्रदीप मिश्रा पर दबाव डाला। फिलहाल प्रशासन के पास इसका कोई जवाब नहीं है। लेकिन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात कर मामले को संभालने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस लगातार राज्य सरकार को आड़े हाथों ले रही है। कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा के नेतृत्व में 5 लोगों के डेलिगेशन ने पंडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की है।
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रुद्राक्ष महोत्सव के निरस्त होने पर कांग्रेस ने सरकार और प्रशासन को घेरा तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि सीहोर में कथा यथावत चल रही है, कथा बंद नहीं की गई है। सिर्फ रुद्राक्ष महोत्सव में थोड़ा फेरबदल करना पड़ा है।
जाहिर है सीहोर में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने भावुक होते हुए कहा था कि बार-बार दबाव आ रहा है इसलिए कथा स्थगित कर रहा हूं। आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अपने घर जाकर ऑनलाइन कथा सुनें। जिसपर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए मौके पर चौका मार दिया है। चुनाव से पहले कांग्रेस की कोशिश पंडित प्रदीप मिश्रा के जरिए बहुसंख्यक वोटों को साधने की है। वहीं बीजेपी सरकार भी लगातार मामले को संभालने में जुटी है। खबर ये भी है कि पूरे प्रकरण में सीहोर कलेक्टर और एसपी पर सरकार का चाबुक चल सकता है।