पंचायत चुनाव पर सियासी संग्राम…हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पर रोक लगाने से किया इंकार, शुरू हुई जुबानी जंग

पंचायत चुनाव पर सियासी संग्राम...! Political struggle over Panchayat elections High Court refuses stop process

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  • Publish Date - December 9, 2021 / 10:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:21 PM IST

भोपाल: Political struggle over Panchayat elections प्रदेश में पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई थीं। जबलपुर हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है। यानि अब प्रदेश में पंचायत चुनाव पुराने आरक्षण और चुनाव आयोग की तय तारीखों पर ही होंगे। वैसे इस मुद्दे पर याचिकाकर्ताओं की ओर से ज़िरह करने वाले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हाईकोर्ट के आदेश को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात की है। पंचायत चुनावों पर रोक पर हाईकोर्ट के इंकार के बाद से प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है।

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Political struggle over Panchayat elections पंचायत चुनाव को लेकर लगी सभी याचिकाओं पर गुरूवार को हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस आर वी मलिमथ और जस्टिस वी के शुक्ला की डिवीज़न बैंच ने मामले में दोनों पक्षों को सुना। राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि चुनाव अधिसूचना जारी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट की गाईडलाइंस के मुताबिक अब हाईकोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। राज्य निर्वाचन आयोग की आपत्तियों में भी कहा गया कि समय पर चुनाव करवाना उसका संवैधानिक दायित्व है। अगर चुनाव रुके तो नए साल में नई वोटर लिस्ट बनाने की बाध्यता से पंचायत चुनावों में और देरी होगी। इसपर चीफ जस्टिस की बैंच ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। साथ ही पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने संबंधी आवेदन को खारिज कर दिया। यानि प्रदेश में अब घोषित हो चुके पंचायत चुनाव, निर्वाचन आयोग की घोषित तारीखों पर ही होंगे।

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इधर, चुनाव प्रक्रिया पर रोक की मांग खारिज होने के बाद आवेदन कर्ताओँ के वकील विवेक तन्खा ने कहा कि ग्वालियर हाईकोर्ट के आदेश को कायम रखना जबलपुर हाईकोर्ट का अपना विचार था। वो अगले 2-3 दिनों में हाईकोर्ट के आदेश को सप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इधऱ, इस फैसले के आते ही सियासी बयानों का दौर भी चल पड़ा। कांग्रेस का कहना है कि वो अपने स्टैंड पर कायम रहकर याचिकाकर्ताओं को कानूनी मदद देगी। तो प्रदेश के गृहमंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से स्थिति साफ हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस अब भी चुनाव से भाग रही है।

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प्रदेश में पंचायत चुनाव का पूरा कार्यक्रम घोषित हो चुका है। अब जबलपुर हाईकोर्ट से पंचायत चुनावों पर रोक की मांग खारिज होने के बाद। साफ है कि प्रदेश में तय टाइम-टेबिल तहत तीन चरणों में पंचायत चुनाव होंगे। देखना होगा कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट से इस पर क्या कोई नया निर्देश मिलता है? लेकिन इतना तय है कि तब तक दोंनों पक्षों के बीच जुबानी वार-पलटवार जारी रहेगा।

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