इंदौर: शहर में अवैध शराब की तस्करी का रास्ता खरगोन और खंडवा से खुला और इंदौर शहर के कई बार में बेची जा रही थी। दरअसल खंडवा में अवैध शराब बनाने वाले कालका प्रसाद के यहां से द्वारकापुरी के रहने वाले बंटी के माध्यम से खंडवा से जहरीली शराब इंदौर पहुंची और फिर इन दोनों बार पर बार संचालकों ने अवैध तरीके से शराब को खरीदा और लोगों को बेच दी, जिनको पीने के बाद लोगों की मौत हुई। साथी ही वे ऑथराइज्ड डीलर मिथाइल अल्कोहल बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीओं को सप्लाई करते थे उन के माध्यम से छोटे डीलर ने मिथाइल अल्कोहल खरीदा और फिर इन छोटे डीलर्स के माध्यम से मिथाइल अल्कोहल गलत हाथों में गई और उसके बाद अवैध शराब बनाने का सिलसिला शराब माफियाओं ने शुरू कर दिया।
खंडवा का कालका प्रसाद यही मिथाइल अल्कोहल लेकर अवैध शराब बनाता था और फिर उसे सप्लाई करता था और ऐसे ही कहीं नाम सामने आए हैं जो अवैध तरीके से स्प्रिट का प्रयोग कर शराब बनाते और फिर सप्लाई करते। मंदसौर में हुए जहरीली शराब से मौत के मामले के तार इंदौर से भी जुड़े हैं, जिसमें ये बात सामने आई है कि सांवेर रोड के मिथाइल अल्कोहल के लाइसेंसी रिटेलर ओपी कुमार से रविंद्र नगर ने मिथाइल अल्कोहल खरीदा उन्होंने अपने सब डीलर मोहित यादव को आगे प्रोवाइड कराया। लेकिन इसके बाद इसका किस तरीके से गलत उपयोग हुआ इस मामले में इंदौर से जुड़े लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है।
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सांवेर के साथ-साथ शहर के नजदीक इंडस्ट्रियल इलाके पीथमपुर से भी पुलिस को ये अंदेशा है कि कई अलग-अलग फैक्ट्रियों से मिथाइल अल्कोहल सप्लाई की जा रही है। दरअसल ये केवल हॉस्पिलट को सप्लाई की जाती है मगर इसका उपयोग अवैध शराब बनाने में भी हो रहा है, जिसके बारे में भी ना केवल बारीकी से जांच की जा रही है बल्कि पीथमपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठकर इस बात की जानकारी ली जा रही है कि पिछले दिनों में मिथाइल अल्कोहल कितनी मात्रा में कहां-कहां भेजी गई। इस प्रकार की गड़बड़ियां बड़ी इंडस्ट्री के सामने आती है तो इस मामले में और बड़ा खुलासा अवैध शराब को लेकर सामने आ सकता है।
शहर में अवैध शराब से 6 लोगों की मौत हो जाने के बाद पुलिस विभाग और आबकारी विभाग दोनों कुंभकरण की नींद से जागे और इस मामले में आबकारी विभाग और इंदौर पुलिस ने अलग-अलग कार्रवाई की, जिसमें अब तक 10 लोगों को अवैध जहरीली शराब के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 6 लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई भी की जा चुकी है। जहरीली शराब के मामले में सबसे पहले पुलिस ने पैराडाइज और सपना बाहर के संचालकों को गिरफ्त में लिया और उसके बाद इन लोगों से सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में उन्होंने लाइसेंसी दुकानों से शराब ना खरीदते हुए अन्य जगहों से शराब खरीदना स्वीकार किया।
इस मामले में इंदौर पुलिस ने पैराडाइज बार और सपना बार के संचालकों को ना केवल गिरफ्त में लिया बल्कि इस मामले में पुलिस ने कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 6 लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई इंदौर पुलिस द्वारा की जा चुकी है। साथ ही पुलिस में अब आसपास के इंडस्ट्रियल इलाकों में मिथाइल अल्कोहल को लेकर भी सख्ती के लिए पूरे संभाग में सभी अधिकारियों को सर्चिंग के लिए निर्देशित किया गया है, तो वहीं इंडस्ट्रियल एरिया में वहां के एसोसिएशन के साथ बैठकर मीटिंग ली गई है और इस बात की भी जानकारी निकाली जा रही है कि लॉकडाउन से लेकर अब तक कितनी मात्रा कहां तक की गई है। इंदौर पुलिस ने साफ कर दिया है कि अब शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी।
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इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाया है प्रदेश सरकार ने साफ कह दिया है की अवैध शराब बेचने वालो के खिलाफ न केवल उम्र कैद कि सजा होगी बल्कि इसमें फांसी की सजा भी होगी साथ ही इस तरह के मफियाओं को जड़ से खत्म करने के लिए प्रदेश सरकार गैंगस्टर एक्ट बनाने की तयारी कर ली है। इसमें न केवल गैंगस्टर बल्कि उनके सहयोगियों के खिलाफ भी विशेष न्यायलय भी गठित किया जाएगा जिसका प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में रखा जाएगा।