पन्ना। शासन स्तर को भेजी गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है की पन्ना में कुपोषण बढ़ा है। आपको बता दें कि हर माह एक लाख बच्चों को पोषक आहार मिलने के बाद भी बच्चे नाटे और 0 से 5 साल के बच्चे कम वजन के पन्ना में पोषण आहार आने के बाद भी पन्ना जिले के बच्चे स्वस्थ व तंदुरस्त नहीं है। 0 से 6 साल के बच्चों में नाटापन है। वहीं, 0 से 5 साल के साथ 7 फीसदी बच्चों का वजन ऊंचाई के हिसाब से कम पाया गया है। जिले के बच्चों की सेहत का यह रोचक खुलासा महिला बाल विकास विभाग की मासिक रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक महिला बाल विकास विभाग के मैदानी अमले द्वारा मई 2023 में जिले में 0 से 6 साल के 92867 बच्चों का वजन लिया गया और ऊंचाई नापी गई। इसी प्रकार 0 से 5 साल के 7255 का वजन लेकर ऊंचाई नापी गई जो कुपोषित पाए गए। हालांकि पूरी तरह से मीडिया को महिला बाल विकास विभाग जानकारी सही नहीं दे रहा है, परंतु जिस समय हम अधिकारी का इंटरव्यू कर रहे थे उसी समय सिमरिया तहसील के गनियारी से 2 बच्चे आए जिनकी उम्र 16 और 14 वर्ष है जो बचपन से ही नाटे हैं।
हालांकि जब हमने आंकड़े मीडिया में प्रकाशित हुई खबरों के आधार पर जानना चाहा तो महिला बाल विकास अधिकारी ने इन आंकड़ों को सिरे से नकार दिया। हालांकि उन्होंने माना कि पन्ना जिले में कुपोषण है, लेकिन इस स्तर का नहीं है। उनका कहना है कि कुपोषण के कई कारण होते हैं कि कई महिलाएं जल्दी-जल्दी गर्भवती हो जाती हैं और कई कम उम्र में मां बन जाती हैं। ऐसे में कुपोषण हो जाता है हम इन को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। IBC24 से अमित खरे की रिपोर्ट
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