Bhagwan Jugal Kishore Ka Sakhi Swaroop : भगवान जुगल किशोर ने धारण किया सखी का स्वरूप, यशोदा का लाल बना ‘लाली’, भक्तों ने ग्वाल बाल बनकर खेली होली
Lord Jugal Kishore assumed the form of Sakhi, Yashoda's Lal became 'Lali', devotees played Holi as cowherd children
Bhagwan Jugal Kishore Ka Sakhi Swaroop
Bhagwan Jugal Kishore Ka Sakhi Swaroop : पन्ना। उस भजन की पंक्ति शायद सभी लोग को याद हो की एक बार तू राधा बन देख मेरे सांवरिया यह भजन पन्ना में चरित्रआर्थ हो रहा है। भगवान जुगल किशोर जो बुंदेलखंड के आराध्य देव कहे जाते हैं। आज उन्होंने सखी यानी औरत का स्वरूप रखा है। इस विलक्षण और मनोहारी भगवान के स्वरूप के दर्शन साल में एक बार यानी होली की तीज के दिन होते हैं और इन दर्शन पाने के लिए भक्ति दूर-दूर से पन्ना पहुंचे हैं। आज के दिन भगवान का प्रसाद भी गुलाल का लगता है और भक्तों को प्रसाद के तौर पर गुलाल दी जाती है।
बुंदेलखंड के आराध्य देव कहे जाने वाले भगवान जुगल किशोर के हर स्वरूप के दर्शन पन्ना में आपको देखने मिल जाएंगे कभी भगवान अपने पितरों का तर्पण करते हैं तो कभी भगवान ग्वाल-बाल बन जाते हैं। तो कभी भगवान सखी यानी औरत का स्वरूप रखते हैं। फागुन तीज के दिन भगवान औरत का स्वरूप रखते हैं और राधा जी छड़ी लेकर उनको होली खेलने को रुकते हैं। ऐसी मानता है कि भगवान कृष्ण ने मथुरा में सखी का रूप रखकर गोपियों को रंग लगाया था इस भेष के दर्शन आज पन्ना में देखने को मिलते हैं भगवान आज नर से नारी बन जाते है।
वही मंदिर के पुजारी का कहना है कि आज राधा जी उनके हाथ बांध देती हैं और उनको औरत बनाकर रंग खेलती हैं क्योंकि भगवान ने नारी का रूप रख लिया था। कहते हैं कि इस दर्शन पाने को भगवान के स्वरूप के लोग दूर-दूर से पन्ना के जुगल किशोर मंदिर पहुंचे हैं और ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मांगी गई मन्नत लोगों की जरूर पूरी होती है।

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