मध्य प्रदेश : बेरोजगार युवाओं को ‘आकांक्षी युवा’ कहने पर विपक्ष ने जताई आपत्ति

मध्य प्रदेश : बेरोजगार युवाओं को ‘आकांक्षी युवा’ कहने पर विपक्ष ने जताई आपत्ति

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  • Publish Date - March 29, 2025 / 05:49 PM IST,
    Updated On - March 29, 2025 / 05:49 PM IST

भोपाल, 29 मार्च (भाषा) मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार द्वारा राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए ‘आकांक्षी युवा’ शब्द का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारों का मजाक उड़ा रही है।

राज्य के रोजगार पोर्टल पर मध्य प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या बताते समय ‘आकांक्षी युवा’ शब्द का इस्तेमाल किया गया और उनकी संख्या 29.37 लाख से अधिक बताई गई है।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने शनिवार को कहा कि सरकार का ‘आकांक्षी युवा’ शब्द इस्तेमाल करने का मकसद यह है कि जो युवा सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरियां कर रहे हैं, वे आगे बढ़कर उच्च पदों पर पहुंचने की आकांक्षा रखें। वहीं, जो बेरोजगार युवा हैं, वे नौकरी की आकांक्षा रखें तथा सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण कराएं।

सरकार के इस कदम का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मध्य प्रदेश और देश में भारतीय जनता पार्टी सरकार का प्रयास रोजगार यानी स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इसीलिए राज्य सरकार ने एक विशाल वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया, जहां रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि ‘आकांक्षी युवा’ एक अलग भावना जागृत करते हैं, जो अपनी प्रतिभा और कौशल विकास के आधार पर स्वरोजगार का विचार है।

हाल ही में जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया था, ‘‘भारत जैसे देश में, जिसकी जनसंख्या 1.45 अरब है, सरकारी नौकरियों का अनुपात एक प्रतिशत से अधिक नहीं है। यहां तक ​​कि देश के सबसे बड़े नियोक्ता, सेना, नौसेना और वायु सेना सहित सशस्त्र बल भी केवल 13.5 लाख लोगों को रोजगार देते हैं।’’

इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ‘आकांक्षी युवाओं’ को आत्मनिर्भरता और उद्यमिता के माध्यम से रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘अब से राज्य में बेरोजगार युवाओं को ‘आकांक्षी युवा’ कहा जाएगा।’’

कांग्रेस ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि भाजपा राज्य में बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ा रही है।

मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘सरकार ने बेरोजगारों का नाम बदलकर मजाक बना दिया। जिन शिक्षित युवाओं के पास योग्यता होते हुए भी काम नहीं है, वे ‘बेरोजगार’ हैं।

लेकिन, मध्यप्रदेश सरकार ढेरों आश्वासन के बावजूद उन्हें रोजगार नहीं दे पा रही और उनकी मजबूरी का नाम बदलकर उसे मजाक बना दिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ कोई मोहन सरकार से पूछे कि बेरोजगारों को आकांक्षी युवा कहकर आखिर आप साबित क्या करना चाहते हैं?’’

सिंघार ने रेखांकित किया कि उप निरीक्षक और सूबेदारों की आठ साल से भर्ती नहीं हुई, लेखापाल और उप अंकेक्षक के पदों पर भी आठ साल से भर्ती नहीं की जा रही।

उन्होंने आरोप लगाया कि अपनी खामी को छुपाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार बेरोजगारों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।

भाषा योगेश धीरज

धीरज