भोपाल : MP Politics : टॉकिंग प्वाइंट- मप्र में मोहन सरकार अपना एक साल का कार्यकाल पूरे करने जा रही है। इसे लेकर सरकार ब्रांडिंग एक्टिविटी शुरू करे, उससे पहले कांग्रेस ने ताबड़तोड़ हमला बोल दिया है। एक तरफ जीतू पटवारी तो दूसरी ओर उमंग सिंघार दो मोर्चों से सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस की इस उग्र राजनीति के मायने क्या हैं और क्या उसकी इस रणनीति से सरकार दबाव में आएगी। ये सवाल अहम हो गया है।
यह भी पढ़ें : CG Ki Baat : ‘राजीव मितान’..किसकी दुकान?.. शुरू हुआ नया घमासान
MP Politics : मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों किसाब-किताब और श्वेत पत्र पर बहस जारी है। असल में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर कई आरोप भी लगाए है। पीसीसी चीफ पटवारी ने कहा कि सीएम डॉ. मोहन यादव कर्ज लेने में शिवराज सरकार से दो कदम आगे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा- प्रदेश के एक मुख्यमंत्री को विदेश की सड़कें पसंद थी, एक मुख्यमंत्री को डायनासोर के अंडे पसंद हैं।
कांग्रेस के आरोपों पर मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी पुरानी रणनीति पर फिर आ गई है। जनता को भ्रमित करने का काम फिर कांग्रेस ने शुरू कर दिया है। दिल्ली में बताने का प्रयास किया जा रहा है कि मै भी नेता हूं। लेकिन, जनता कांग्रेस से गुमराह नहीं होने वाली है। उन्होंने जो भी कहा वो यथार्थ नहीं है।
MP Politics : मोहन सरकार के एक साल पूरे होने पर कांग्रेस श्वेत पत्र की मांग को लेकर अड़ी है। कांग्रेस का कहना है कि आखिरी सरकार को इतना कर्ज लेने की ज़रुरत क्यों पड़ रही है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या बीजेपी कांग्रेस की चुनौती को स्वीकार करती है, क्योंकि बीजेपी शुचिता की राजनीति में विश्वास करती है इसके पहले भी उमा भारती ने अपने सरकार के एक साल पूरा होने पर श्वेत पत्र जारी किया था। साथ ही भारत की वित्त मंत्री ने भी इसी साल संसद में भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र जारी कर चुकी है, तो कांग्रेस के इस चैलेंज को बीजेपी इस बार सीरियस लेती है या जनता को गुमराह करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेती है।