One Nation One Election : वन नेशन वन इलेक्शन की प्रदेश टोली का गठन.. रिटायर्ड जज रोहित आर्य को किया गया शामिल, इंदौर महापौर को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

One Nation One Election : वन नेशन वन इलेक्शन की प्रदेश टोली का गठन.. रिटायर्ड जज रोहित आर्य को किया गया शामिल, इंदौर महापौर को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी |

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  • Publish Date - January 20, 2025 / 06:34 AM IST,
    Updated On - January 20, 2025 / 06:34 AM IST

ग्वालियर। One Nation One Election Team Formed in MP : देश में मोदी सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन की तरफ तेजी से बढ़ रही है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेश टोली का गठन किया है। जिसमें हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच के प्रशासनिक जज रहे रिटायर्ड जस्टिस रोहित आर्य को इस टोली में शामिल किया गया है।

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One Nation One Election Team Formed in MP : रोहित आर्य ने कहा कि हर साल चुनाव होने से जनता जनार्दन में आक्रोश होता है, अस्थिरता आती है। इस चीजों को दूर करने के लिए एक बार में देश और प्रदेश के चुनाव होनी चाहिए। चुनाव खर्चों में कमी आएंगी, फोर्सेस को लगाना पड़ता है। इस ह्यूमन रिसोर्स ओर इंफ्रास्ट्रक्चर से आप पूरे देश में चुनाव कर सकते है, ये कोई इल लीगल, या संवैधानिक नही है। आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच से जस्टिस रोहित आर्या रिटायर्ड हुए है। वे प्रशासनिक जज की भूमिका में ग्वालियर बेंच में पदस्थ थे।

वन नेशन वन इलेक्शन क्या है?

वन नेशन वन इलेक्शन का आशय यह है कि एक समय पर पूरे देश भर में एक साथ लोकसभा और विधान सभाव चुनाव संपन्न करवाए जाए। बता दें कि अभी तक देश भर में दोनों चुनाव अलग-अलग समय पर कराए जाते हैं, लेकिन अब मोदी सरकार इसे एक ही समय पर कराने के लिए कवायद कर रही है। इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, इसमें 8 सदस्य थे। कमेटी का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। इसी कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। वहीं, अब इस बिल को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है, जिसके बाद अब इसे संसद में पेश किया गया।

 

वन नेशन, वन इलेक्शन का क्या मतलब है?

वन नेशन, वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ, एक ही समय पर कराए जाएं। इससे चुनावों की संख्या घटेगी और खर्चों में भी कमी आएगी।

क्या वन नेशन, वन इलेक्शन संवैधानिक रूप से संभव है?

जी हां, यह संवैधानिक रूप से संभव है। इसमें कोई कानूनी या संवैधानिक अड़चन नहीं है। हालांकि, इसके लिए कुछ बदलावों की आवश्यकता हो सकती है, जैसे चुनावों के समय और प्रक्रिया में सुधार।

वन नेशन, वन इलेक्शन के फायदे क्या हैं?

इसके कई फायदे हैं, जैसे चुनावों के खर्चों में कमी, चुनावों के लिए आवश्यक बलों की तैनाती में सुविधा, और राजनीतिक अस्थिरता में कमी आना। साथ ही, यह पूरे देश में एकसाथ चुनावी प्रक्रिया को सरल बनाएगा।

क्या इस योजना को लागू करने के लिए कोई विशेष कानून बनाना पड़ेगा?

हां, इस योजना को लागू करने के लिए संसद में आवश्यक कानूनी बदलावों को मंजूरी देनी पड़ेगी, जिसके लिए सरकार ने बिल पेश किया है।

वन नेशन, वन इलेक्शन की प्रक्रिया कब शुरू हो सकती है?

वन नेशन, वन इलेक्शन की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए सरकार को संसद से मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।