किसान न्याय यात्रा के 11वें दिन, मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 55 जिलों में ट्रैक्टर रैलियां निकालीं

किसान न्याय यात्रा के 11वें दिन, मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 55 जिलों में ट्रैक्टर रैलियां निकालीं

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  • Publish Date - September 21, 2024 / 12:06 AM IST,
    Updated On - September 21, 2024 / 12:06 AM IST

भोपाल, 20 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सोयाबीन की खरीद छह हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने की मांग को लेकर शुक्रवार को पूरे राज्य में ट्रैक्टर रैलियां निकालीं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पार्टी की ‘किसान न्याय यात्रा’ के 11वें दिन 55 जिलों में आयोजित रैलियों में करीब 500 ट्रैक्टर और पांच हजार किसानों ने हिस्सा लिया।

अधिकारियों ने बताया कि उज्जैन में एक रैली स्थल पर ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड धर्मेंद्र सोलंकी की सीने में दर्द की शिकायत के बाद मौत हो गई।

कांग्रेस नेता धर्मेश जैन उज्जैन में विरोध प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर से गिर गए और उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है।

इंदौर में पार्टी का एक कार्यकर्ता बैरिकेड गिराने की कोशिश करते हुए घायल हो गया जिसका वीडियो सामने आया है। इसमें पटवारी उसे संभालते हुए दिखाई दे रहे हैं।

पटवारी ने कहा, “यात्रा का पहला चरण शनिवार को हरदा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के साथ समाप्त होगा। दूसरे चरण में हम मंडियों में जाकर किसानों से बातचीत करेंगे। अंतिम चरण में हम मप्र विधानसभा का घेराव करेंगे।”

इंदौर में पटवारी ट्रैक्टर चलाकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। ट्रैक्टर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बैठे थे।

भोपाल में वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने गढ़ छिंदवाड़ा में रैली को हरी झंडी दिखाई।

भोपाल में राज्य के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने ट्रैक्टर चलाया, जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने अलीराजपुर में इसमें भाग लिया।

सोयाबीन के लिए 6000 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा, कांग्रेस ने गेहूं के लिए 2700 रुपये और धान के लिए 3100 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की भी मांग की है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने होमगार्ड सोलंकी के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की, जबकि पटवारी ने कहा कि मुआवजा राशि 50 लाख रुपये होनी चाहिए।

पार्टी नेताओं ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य है, लेकिन लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण किसान परेशान हैं।

दिग्विजय सिंह ने इंदौर में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘भाजपा शासन में सोयाबीन के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन उत्पादन लागत बढ़ती जा रही है। इसलिए किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार छह हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सोयाबीन खरीदे। केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। सरकार तेल मिल मालिकों के लिए काम कर रही है।’

वरिष्ठ कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि भाजपा सरकार ने विरोध को विफल करने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन असफल रही।

पटवारी के मीडिया सलाहकार मिश्रा ने दावा किया, “राज्य सरकार ने रैलियों में ट्रैक्टरों के प्रवेश को रोकने के लिए बुलडोजर, जेसीबी मशीनों और डंपरों का इस्तेमाल किया। इसके बावजूद हमारी रैलियों को जबरदस्त समर्थन मिला।’

चार दिन पहले, आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने सोयाबीन की खरीद छह‌ हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने की मांग को लेकर पूरे मध्यप्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया था।

दस सितंबर को जिस दिन कांग्रेस की किसान न्याय यात्रा शुरू हुई, उसी दिन मध्यप्रदेश सरकार ने सोयाबीन की एमएसपी को बढ़ाकर 4,892 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।

भाषा दिमो नोमान

नोमान