रिपोर्ट- सुधीर दंडोतिया, भोपाल: no unanimity in Congress मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र की शुरूआत हो चुकी है। बड़ी बात ये कि राज्यपाल महोदय के अभिभाषण वाले दिन से ही विवाद और बहस का दौर शुरू हो चुका है। मुद्दा बना पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी का एक कदम जिसे लेकर दिनभर बहस का एक नया मोर्चा खुल गया। राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात पर विपक्ष उनपर हमलावर रहा, तो खुद उनकी पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया। सवाल ये कि क्या विपक्षी दल में किसी भी कदम, किसी भी विरोध या रणनीति को लेकर एकराय नहीं है? क्या वाकई जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका में पार्टी के भीतर की संवादहीनता और जल्दबाजी भारी पर रही है?
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no unanimity in Congress सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत हुई। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से हुई। सत्र 25 मार्च तक चलेगा, जिसमें 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश होगा। लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के एक कदम ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया। पटवारी ने सोशल मीडिया पर राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात कही। अपने बयान पर पटवारी बीजेपी के निशाने पर तो आए ही साथ ही अपनी पार्टी में भी अलग-थलग पड़ गए। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मामले पर में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में आपत्ति दर्ज कराते हुए पूछा कि आखिर पटवारी को अभिभाषण कैसे मिला? इस पर नेता प्रतिपक्ष को जवाब देना चाहिए।
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बड़ी बात ये कि नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने मिश्रा की आपत्ति का समर्थन कर कहा कि अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। साथ ही ये भी कहा कि सदन की गरिमा बनी रहनी चाहिए। कमलनाथ के बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी तारीफ की। इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा, पटवारी ने सदन की अवमानना की है। इसीलिए इसका परीक्षण कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इस विवाद के इतर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने अपने अभिभाषण में शिवराज सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। राज्यपाल ने कोरोना काल में हुए काम,किसान कल्याण, पहली बार अलग से पेश होने वाले चाइल्ड बजट के साथ ही OBC आरक्षण का श्रेय सरकार को दिया। राज्यपाल अभिभाषण में 22 बार पीएम मोदी का जिक्र किया जिस पर कमलनाथ ने कटाक्ष किया तो मुख्यमंत्री शिवराज ने पलटवार किया। बहरहाल,विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन एक बार फिर जिस तरह से कांग्रेस की अंतर्कलह और नेताओ की अपरिपक्वता सामने आई उसने एक बार फिर कांग्रेस के भीतर संवादहीनता और सामांजस्य का अभाव सामने ला दिया। जीतू पटवारी का कदम सेल्फ गोल सबित हुआ। वैसे पहले ही दिन ये साफ हो गया कि सत्र काफी गर्माया रह सकता है।