Negligence in smart road project : ग्वालियर। सैकड़ों-हजार करोड़ रुपए के हाइवे के ठेके लेने वाली एलएंडटी कंपनी ग्वालियर की स्मार्ट रोड परियोजना में कंजूसी और लापरवाही अब शहरवासियों को भारी पड़ रही है। जुर्माना लगाने के बावजूद भी कंपनी ने न तो श्रमिकों को संख्या बढ़ाई है और न ही मशीनरी बढ़ाई है। ऐसे में 44 दिन में स्मार्ट रोड का काम कैसे पूरा होगा यह सबसे बड़ा सवाल है।
वहीं मंत्रियों व अधिकारियों द्वारा लगातार निर्देश देने के बाद भी कंपनी अपनी मर्जी से ही काम कर रही है। जबकि इस परियोजना के अंतर्गत थीम रोड के लिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 30 मई तक की समय सीमा निर्धारित की है। कुछ दिनों पहले ही स्मार्ट सिटी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीतू माथुर ने स्मार्ट रोड का निरीक्षण कर बाद में कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें कंपनी पर लगने वाली 10 हजार रुपए की पेनल्टी को 15 हजार रुपए प्रतिदिन किया गया। लेकिन अभी भी काम काफी धीमी गति से चल रहा है।
Negligence in smart road project : आपको बता दें कि दिसंबर 2020 में स्मार्ट रोड का काम शुरू हुआ था। इसके बाद से अभी तक करीब 28 माह हो चुके है लेकिन दो किलोमीटर ही सड़क बन पायी है। शहर के लश्कर क्षेत्र में करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से 15.62 किलोमीटर लंबी स्मार्ट रोड बनना है। यह सडक़ महलगेट से कटोराताल, मांढरे की माता चौराहा, आमखो, एसएएफ रोड, कस्तूरबा चौराहा, राक्सी पुल, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, राममंदिर रोड, अचलेश्वर रोड होते हुए अचलेश्वर तिराहे तक बननी है। स्मार्ट रोड बनाने का काम एलएंडटी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। हर जगह खोद दी सडक़े। हुजरात पुल से ऊंटपुल, कस्तूरब चौराहे से कम्पू थाने व अस्पताल रोड पर सडक़ों को खोद डाला है। यहां पर कुछ काम चल रहा है।
छत्री मंडी के पास स्मार्ट रोड के लिए जगह उपलब्ध करवा दी गई है। लेकिन कंपनी ने यहां पर भी काम शुरु नहीं किया। थीम रोड से नहीं हटाए बिजली के तार। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि थीम रोड पर झूल रहे ओवरहेड बिजली के तारों को हटाओ। -एलएनटी कंपनी ने अभी तक बिजली कंपनी के कर्मचारियों को कोई भी प्रशिक्षण नहीं दिया।