Disturbances in land ownership scheme: In the land ownership...

Disturbances in land ownership scheme : भू-स्वामित्व योजना में अधिकारियों ने जानबूझकर किसानों के साथ किया ऐसा काम, अब प्रशासन से ग्रामीणों ने लगाई गुहार

भू-स्वामित्व योजना में अधिकारियों ने जानबूझकर किसानों के साथ....Disturbances in land ownership scheme: In the land ownership scheme...

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Modified Date: January 28, 2025 / 02:07 PM IST
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Published Date: January 28, 2025 2:07 pm IST

नीमच : Disturbances in land ownership scheme : जिले की जीरन तहसील के कुचड़ोद-नयाखेड़ा के ग्रामीण भू-स्वामित्व योजना में गड़बड़ी के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। इन ग्रामीणों का आरोप है कि राजस्व अधिकारियों ने गलत सर्वे किया और किसानों को जानबूझकर गलत स्थानों पर सर्वे नंबर आवंटित कर दिए। इसका नतीजा यह हुआ कि राजस्व रिकॉर्ड में बड़ी विसंगतियां उत्पन्न हो गईं। ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए अपनी शिकायत एसडीएम ममता खेड़े को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पटवारी हल्का नंबर 23 के तहत मजरा ग्राम धोकलखेड़ा को राजस्व ग्राम बनाने का सर्वे किया गया था, लेकिन इसकी कोई पूर्व सूचना ग्रामीणों को नहीं दी गई। इसके अलावा, तहसीलदार और पटवारी ने मनमाने तरीके से सर्वे किया, जिससे कुचड़ोद के अधिकांश किसानों को गलत जगहों पर सर्वे नंबर आवंटित किए गए।

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Disturbances in land ownership scheme प्रदर्शन के दौरान कलेक्टर से मिलने की जिद करते हुए ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय के गेट पर बैठ गए। हालांकि, 30 मिनट के बाद एसडीएम की समझाइश पर प्रदर्शनकारी ग्रामीण मान गए। यह विरोध भू-स्वामित्व योजना के तहत किए गए सर्वे में अनियमितताओं और गलत तरीके से किसानों के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ था।

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भू-स्वामित्व योजना में गड़बड़ी का आरोप किस पर लगाया गया है?

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार और पटवारी ने मनमाने तरीके से सर्वे किया और किसानों को जानबूझकर गलत सर्वे नंबर आवंटित किए।

कुचड़ोद-नयाखेड़ा के ग्रामीणों ने किस तरह प्रदर्शन किया?

ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और कलेक्टर से मिलने की जिद करते हुए गेट के बाहर बैठ गए। बाद में, एसडीएम की समझाइश पर उन्होंने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा।

क्या सर्वे में अनियमितताएं किस कारण हुईं?

ग्रामीणों के अनुसार, सर्वे में अनियमितताएं इसलिए हुईं क्योंकि पटवारी और तहसीलदार ने बिना ग्रामीणों को सूचित किए गलत तरीके से सर्वे किया, और इसके परिणामस्वरूप कई विसंगतियां पैदा हो गईं।

क्या ज्ञापन में क्या मुद्दे उठाए गए थे?

ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि मजरा ग्राम धोकलखेड़ा को राजस्व ग्राम बनाने के लिए किए गए सर्वे में कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, और गलत सर्वे नंबर आवंटित किए गए थे।

ग्रामीणों की शिकायत का समाधान कैसे किया गया?

प्रदर्शन के बाद एसडीएम ममता खेड़े ने ग्रामीणों को समझाया और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपने का मौका दिया, अब यह देखना होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।