Bavaal villagers in Neemuch: When the police reached the....

Bavaal villagers in Neemuch: अपराधी को गांव लेकर पहुंची पुलिस तो ग्रामीणों ने किया देर रात तक बवाल, फ़ोर्स की गाड़ी को लूटकर निकाल दी हवा , इस बात से थे नाराज

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Modified Date: January 23, 2025 / 08:11 AM IST
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Published Date: January 23, 2025 7:46 am IST

नीमच: Bavaal villagers in Neemuch जिला मुख्‍यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर गांव चौकड़ी सहित 4 गांवों के ग्रामीणों ने पुलिस को घेर लिया। टीआई उमेश यादव सहित पुलिसकर्मियों को करीब 4 से 5 घंटे तक घेरे रखा। इसकी सूचना जब जिला मुख्‍यालय पर पहुंची। यहां अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक नवलसिंह सिसोदिया मौके पर पहुंचे। इसके साथ ही मनासा से विधायक अनिरुद्ध माधव मारु भी मौके पर पहुंचे है। ग्रामीणों को काफी देर समझाया, लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद देर रात करीब 10.30 बजे जब पुलिस ग्रामीणों में कब्‍जे से पुलिस वाहन छुड़वाने पहुंची, तो बड़ी संख्‍या में ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें एएसपी नवलसिंह सिसौदिया, सब इंस्‍पेक्‍टर असलम पठान को पत्‍थर से चोंट आई। पथराव के जवाब में पुलिस ने भी ग्रामीणों पर लाठियां भांजी और आसू गैस के गोले छोड़े।

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क्या है पूरा मामला

Bavaal villagers in Neemuch दरअसल जिले की सिंगोली पुलिस ने 3 दिन पहले डोडाचूरा के साथ गांव चौकड़ी के निवासी 24 वर्षीय नीलेश पिता श्‍यामलाल धाकड़को गिरफ्तार किया था। गांव चौकड़ी के ग्रामीणों आरोप है कि पुलिस ने नीलेश को 35 किलो डोड़ाचूरा के साथ गिरफ्तार किया था, लेकिन इसकी मात्रा बढ़ाकर 54 किलो कर दी। इससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। इसके बाद जब बुधवार को पुलिस चौकड़ी पहुंची, तो पुलिस ने सिंगोली टीआई उमेश यादव सहित पुलिसकर्मियों को घेर लिया। उनके वाहन पर पत्‍थर फैंके, वाहनों की हवा निकाल दी। टीआई सहित पुलिस‍कर्मियों को घेरकर बंधक बना लिया। यह सूचना जैसे ही जिला मुख्‍यालय पहुंची तो मौके पर एएसपी नवलसिंह सिसोदिया पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंच गए। इधर मनासा विधानसभा से विधायक माधव मारु भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों को समझाया, लेकिन ग्रामीण डोड़ाचूरा की मात्रा बढ़ाने वाले टीआई सहित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई सहित नीलेश को छोड़ने की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद विधायक लौट गए। दोपहर करीब 3 बजे शुरु हुआ ग्रामीणों का प्रदर्शन देर रात 11 बजे तक जारी था। इसी बीच एएसपी पुलिस के फोर्स के साथ ग्रामीणों के कब्‍जे में रखे पुलिस के दो वाहन छुड़वाने पहुंचे, तो ग्रामीणों ने अचानक पुलिस पर पथराव कर दिया। ग्रामीणों के हमले में एएसपी को पीठ पर तथा सब इंस्‍पेक्‍टर को गर्दन पर पत्‍थर की चोट लगी। अचानक हुए पथराव की वजह से पुलिस को कुछ समय के लिए पीछे हटना पड़ा। कुछ देर बाद पुलिस ने भी जवाब ग्रामीणों पर आसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां भांजी, भीड़ को तीतर-बीतर किया। देर रात पुलिस अपने वाहन छुड़वाकर ले गई, तब जाकर मामला शांत हुआ।

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क्या है बवाल गांव में पुलिस पर पथराव की घटना?

बवाल गांव में पुलिस पर पथराव की घटना उस समय हुई जब ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किए गए युवक नीलेश धाकड़ के मामले में घेर लिया था और आरोप लगाया था कि पुलिस ने डोड़ाचूरा की मात्रा बढ़ा दी थी।

ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ किस कारण प्रदर्शन किया?

ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया क्योंकि उनका आरोप था कि पुलिस ने गिरफ्तार युवक पर झूठा आरोप लगाया और डोड़ाचूरा की मात्रा बढ़ा दी।

पुलिस ने ग्रामीणों के साथ किस तरह से निपटा?

पुलिस ने पथराव का जवाब देने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियां भांजी, जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई और मामला शांत हुआ।

क्या नीलेश धाकड़ को छोड़ने की मांग की गई थी?

हां, ग्रामीणों ने पुलिस से नीलेश धाकड़ को छोड़ने की मांग की थी और जब तक यह मांग पूरी नहीं हुई, वे प्रदर्शन करते रहे।

क्या इस घटना में कोई पुलिस अधिकारी घायल हुआ था?

हां, इस घटना में एएसपी नवलसिंह सिसोदिया और सब इंस्पेक्टर असलम पठान को पथराव में चोटें आईं।
 
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