भोपाल: Naxalite in MP शांति का टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश को नजर लग चुकी है। हाल ही में भोपाल से बांग्लादेशी आंतकियों को एटीएस ने गिरफ्त किया था, फिर रतलाम में आतंकी कनेक्शन और अब नक्सलियों को लेकर केंद्र ने राज्य सरकार को चेताया है। चिंता की बात ये है कि प्रदेश में बड़े स्तर पर नक्सली नेटवर्क की भनक तक मध्यप्रदेश सरकार को नहीं लगी। आखिर ऐसा क्या हो रहा है एमपी में जिसने सरकार की नींद उड़ा दी है?
Naxalite Captured 80 Percent Area बाघों की दहाड़ के लिए पहचाना जाने वाला कान्हा केशनल पार्क, अब नक्सलियों की चपेट में हैं। इलाके के 80 फीसदी हिस्सों पर लाला आतंक का साया है। ये खुलासा केंद्रीय वन पर्यावण मंत्री भूपेंद्र सिंह के पत्र से हुआ है। ये पत्र कान्हा में नक्सलियों की बढ़ते प्रभाव को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार को लिखा गया है, जिसमें ये भी बताया गया है कि कान्हा नेशनल पार्क के हालात ऐसे है कि वहां वन अधिकारी, मैदानी अमला और वन कर्मचारी खौफ खाते हैं। क्योंकि बीते दो महीने में नक्सलियों ने 3 वनकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया है। हालांकि पुलिस अमले का कहना है चारों तरफ उनकी फोर्स सर्च ऑपरेशन करती रहती है।
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्त ने कहा कि कान्हा नेशनल पार्क 3 राज्यों की सीमा से लगा हुआ है जिसके चलते नक्सलियों को आसानी से प्रवेश मिल जाता है और ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार संवेदनशील है। नक्सली गतिविधियों को काबू करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
नक्सली मुद्दे पर कांग्रेस सियासत कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि नक्सलियों पर नकेल कसने में सरकार नाकाम है और खुफिया तंत्र पूरी तरह से फेल। केंद्रीय वन मंत्री के पत्र के बाद सरकार भी मुस्तैद होने का दावा कर रही है। मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है।
केंद्रीय मंत्री के पत्र ने एक बात तो साफ कर दी है कि प्रदेश के सबसे बड़े पर्टयन केंद्र में नक्सली आज से नहीं बल्कि सालों से जमे हुए हैं, जिनका खौफ बढ़ता जा रहा है। सरकार को वक्त रहते ही इसका इलाज करना होगा नहीं तो नक्सलियों का ये जख्म नासूर बन जाएगा।
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