भोपालः चुनावी साल में कांग्रेस ने दीपक जोशी के जरिए बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। इसके बाद कई और नेता भी बागी तेवर दिखा चुके हैं। लिहाजा राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को डैमेज कंट्रोल के लिए जुटना पड़ा है। इस बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि बीजेपी में गए कई नेता दोबारा कांग्रेस में आना चाहते हैं लेकिन बिकाऊ और गद्दार नेताओं के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद हैं। आज बात एमपी में दलबदल को लेकर मची इसी खींचतान पर..
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मध्यप्रदेश में दीपक जोशी के झटके के बाद सत्यनारायण सत्तन, भंवर सिंह शेखावत और अनूप मिश्रा की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। हालात हाथ से निकले, उससे पहले ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मोर्चा संभाल लिया है। भोपाल में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भोपाल, सीहोर और नर्मदापुरम जिलों के विधायकों और पदाधिकारियों से वन टू वन चर्चा की। भाजपा नाराज नेताओं के अलावा स्थानीय पदाधिकारियों से भी फीडबैक ले रही है ताकि वक्त रहते पार्टी की गुटबाजी को दबाया जा सके।
इधर, कांग्रेस भी लगातार संगठन की मजबूती पर फोकस कर रही है। इस बीच कांग्रेस की तरफ से बड़ा बयान आया है। कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर गए कई लोग वापसी करना चाहते हैं लेकिन बिकाऊ नेताओं के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा के लिए बंद कर दिए गए हैं।
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इन दावों में सच्चाई है तो आखिर वो कौन नेता हैं जो भाजपा से फिर वापस कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं। सवाल ये भी है कि क्या BJP खामोश रहेगी या वह भी भितरखाने कोई बड़ी प्लानिंग में जुटी है। चुनावी मौसम में दल-बदल बड़ी बात नहीं लेकिन वक्त रहते असंतुष्टों को नहीं मनाया गया तो एक बड़ी जमात के इधर-उधर आने-जाने से सारे सियासी समीकरण ध्वस्त हो सकते हैं।