सीधी: MP Sidhi News मध्यप्रदेश के सीधी जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां तंत्र-मंत्र की सिद्धी पाने के लिए महिला का कब्र खोदकर शव निकालने की कोशिश की गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
MP Sidhi News मिली जानकारी के अनुसार, घटना थाना सिटी कोतवाली के अंतर्गत थनहवा टोला का है। दरअसल, यहां एक महिला की 39 दिन पहले मौत हो गई थी। शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। जिसके बाद महिला के आरोपी ने तंत्र-मंत्र की सिद्धी पाने के लिए महिला के कब्र को खोद दिया।
बताया जा रहा है कि आरोपी मृत महिला का देवर ही है। दरअसल, मृतका के पति अमानत खान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि मेरी पत्नी शपीरिन्निशा के इंतकाल 39 दिन बाद अरमान खान निवासी थनहवा टोला तंत्र मंत्र सिद्ध करने के मनसुवे से मेरी पत्नि की कब्र खोद कर शव का अपमान किया है।
वहीं कोतवाली टीआई अभिषेक उपाध्याय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ऊक्त आरोपी अरमान खान के विरुद्ध बी एन एस कि धारा 301 तहत मामला पंजीबद्य किया गया है। आरोपी अरमान खान पुलिस हिरासत में है और आगे मामले की सक्रियता के साथ विवेचना कर रही है। बहरहाल मृतीका के पुत्र ने घटना को लेकर उसके साथ और लोगों पर भी घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया है।
राहुल गांधी हाल ही में गिरी नगर के हनुमान मंदिर की सब्जी मंडी पहुंचे, जहां उन्होंने दुकानदारों से सब्जियों के दाम के बारे में पूछा। इस दौरान उन्होंने बढ़ती महंगाई और आम आदमी की रसोई पर उसके असर पर सरकार पर हमला बोला।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि “कभी लहसुन 40 रुपए का था, अब वह 400 रुपए का हो गया है।” उन्होंने इसे महंगाई के बढ़ने का उदाहरण बताते हुए कहा कि सरकार सो रही है, जबकि आम आदमी का बजट बिगड़ चुका है।
राहुल गांधी ने वीडियो में सब्जी मंडी में मौजूद दुकानदारों और महिलाओं से बातचीत की। महिलाएं राहुल गांधी से कह रही थीं कि सैलरी नहीं बढ़ी, लेकिन महंगाई लगातार बढ़ रही है और इसके कारण उनका बजट बिगड़ रहा है।
राहुल गांधी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया क्योंकि उन्होंने इस वीडियो के माध्यम से केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला किया। उनके पोस्ट और सब्जी मंडी के दौरे ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार की आलोचना को और अधिक प्रमुख बना दिया।
राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। वे अक्सर आम आदमी, गरीबों और दलितों के हक में आवाज उठाते हैं और सरकारी नीतियों पर सवाल उठाते हैं, खासकर महंगाई, बेरोजगारी, और आर्थिक असमानता के मुद्दों पर।
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